भारत की युवा प्रतिभा को प्रदर्शित करने और अन्य देशों के बीच अपनी महत्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज कराने के लिए, देश में खेल एक प्रमुख क्षेत्र के रूप में उभरा है। खेल की अवसंरचना, प्रबंधन, खेल प्रतिभाओं को कई तरह की आवश्यक सुविधाएं देने और अंतरराष्ट्रीय भागीदारी पर ध्यान केंद्रित करने के अलावा, भारत में आज खेल एक अकादमिक अनुशासन के रूप में भी विकसित हुआ है, जो खेल से सम्बन्धित विभिन्न उप-क्षेत्रों के विशेषज्ञों का एक संवर्ग तैयार करता है। इस माध्यम से विशेषज्ञों को स्थायी करियर की संभावनाओं का लाभ मिलता है।
विश्व की सबसे बड़ी युवा आबादी भारत में है। देश को अपने युवाओं को विभिन्न प्रकार की खेल संबंधी गतिविधियों में शिक्षित और प्रशिक्षित करने पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए। अनुसंधान और अभ्यास से पता चलता है कि खेल में युवाओं को शामिल करने के कई लाभ हैं, जैसे स्वास्थ्य और कल्याण, आत्मविश्वास, मानसिक स्वास्थ्य, प्रतिस्पर्धा की भावना, टीम के साथ काम करना, संघर्ष समाधान, अनुशासन, समय प्रबंधन, लक्ष्य और उपलब्धि अभिरुचि, खिलाड़ियों का सम्मान और उनके प्रति सहानुभूति, नेतृत्व, सहिष्णुता, विश्वास, चौकन्ना रहना, आत्म-सम्मान, चरित्र निर्माण, उच्च जोखिम वाले व्यवहार में कमी आना, चिंता और अवसाद आदि के जोखिम में कमी आना आदि।
युवाओं को खेल और फिट रहने से संबंधित गतिविधियों में शामिल करने के कई आसान तरीके हैं, जैसे टहलना, दौड़ना, साइकिल चलाना, तैराकी, जिम में कसरत करना और घर से बाहर मैदान में खेलना आदि। इन गतिविधियों के विभिन्न लाभ हैं, जैसे मनोप्रेरणा कौशल विकास, शारीरिक श्रम द्वारा ऊर्जा-स्तर कम करना, मोटापे का जोखिम कम करना और शरीर को अधिक आराम देने पर आधारित जीवनशैली में बदलाव लाना तथा शारीरिक श्रम को जीवनशैली में शामिल करना आदि। खेल को एक करियर के रूप में चुनने के अपने फायदे हैं। इसमें जीवन भर के लिए आशा के अनुरूप आय प्राप्त होने की गारंटी है।
शारीरिक और भावनात्मक रूप से फिट भविष्य की पीढ़ी बनाने के लिए और इस विशाल आबादी के बीच तंदुरुस्ती को बढ़ावा देने के लिए, केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय ने राष्ट्रीय युवा नीति के अनुरूप कई कदम उठाए हैं। कोविड-19 महामारी की विभिन्न चुनौतियों के बावजूद, भारत ने इस वर्ष टोक्यो ओलंपिक, 2020 में 7 पदक और पैरालंपिक में उल्लेखनीय रूप से 19 पदक हासिल करके खेल प्रदर्शन में वैश्विक पहचान बनाई है। भारत में केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा स्थापित खेल विश्वविद्यालयों की संख्या बहुत कम है। इसके अलावा, शारीरिक शिक्षा विशेषज्ञ ही मुख्य रूप से खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने का कार्य कर रहे हैं।
युवा प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की पहचान करने, उन्हें उच्च स्तरीय प्रशिक्षण देने और उपलब्धि हासिल करने के लिए उन्हें प्रेरित करने को ध्यान में रखते हुए, भारत सरकार द्वारा नई दिल्ली में एक विशिष्ट राष्ट्रीय खेल विज्ञान और अनुसंधान केंद्र (एनसीएसएसआर) स्थापित किया जायेगा। इसका उद्देश्य खेल विज्ञान में शिक्षा, अनुसंधान व नवाचार को प्रोत्साहन देना है, ताकि खेल प्रतिभाओं के खेल प्रदर्शन को बढ़ाया जा सके। खेल विज्ञान और चिकित्सा से संबंधित सहयोग व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए एनसीएसएसआर एक समग्र संकाय के रूप में संस्थागत नेटवर्क स्थापित करेगा। इसके अलावा, एनसीएसएसआर साई के राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्रों और उच्च प्रदर्शन केंद्रों को खेल विज्ञान उपकरण प्रदान करने के लिए प्रमुख केंद्र (हब) के रूप में भी कार्य करेगा। इस योजना के तहत देश भर के 6 विश्वविद्यालयों में खेल जैवरसायन, खेल व शरीर विज्ञान, खेल जैवयांत्रिकी, खेल संबंधी शरीर की भौतिक चिकित्सा, प्रशिक्षण विधियों और खेल पोषण, खेल मनोविज्ञान तथा खेल चिकित्सा में स्नातकोत्तर कार्यक्रम शुरू करने के लिए खेल विज्ञान के संकायों को स्थापित/मजबूत किया जायेगा।
सेवाओं के विशिष्ट वितरण को सुनिश्चित करने के लिए, एनसीएसएसआर; खेल प्रतिभाओं को अपनी प्रतिभा और क्षमताओं का पोषण करते हुए बेहतर प्रदर्शन करने में सक्षम बनाने, चोट की दर को कम करने, खेल दवाओं तथा खेल विज्ञान की तकनीकों को लागू करने हेतु एक समग्र और एकीकृत दृष्टिकोण अपनाएगा तथा एक त्वरित पुनर्वास मॉडल भी विकसित करेगा। एनसीएसएसआर की यह व्यवस्था, मुख्य केंद्र से जुड़े विभिन्न सहायक केंद्र प्रारूप (हब एंड स्पोक मॉडल) पर आधारित होगी। इस पहल के माध्यम से उपरोक्त विश्वविद्यालयों में खेल विज्ञान और खेल चिकित्सा के क्षेत्र में अत्यधिक कुशल मानव संसाधन का एक पूल तैयार करने में मदद मिलेगी। इससे खेल अनुसंधान में सुधार होगा और विदेशी विशेषज्ञों पर निर्भरता भी कम होगी। यह खेल के क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
राजीव गांधी राष्ट्रीय युवा विकास संस्थान (आरजीएनआईवाईडी), श्रीपेरंबदूर, तमिलनाडु में स्थित है। यह युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय महत्व का संस्थान है। संस्थान, खेल विज्ञान में दो वर्षीय मास्टर डिग्री कार्यक्रम का प्रस्ताव देगा। इस विशेष पाठ्यक्रम के तहत खेल मनोविज्ञान, खेल शरीर विज्ञान, खेल चिकित्सा और खेल प्रबंधन जैसे विषय होंगे। शैक्षणिक वर्ष (2022) से खेल उद्योग की भविष्य की आवश्यकताओं को पूरा करने के उद्देश्य से तैयार किए गए इस विशेष पाठ्यक्रम के तहत अभ्यास की भी सुविधा होगी।
आज, ऐसे हजारों भारतीय खिलाड़ी हैं, जो कभी शौक माने जाने वाले खेलों में शामिल होकर करोड़पति बन गए हैं। उम्मीद है कि खेल उद्योग आकर्षक करियर विकल्पों की पेशकश करेगा। प्रमुख करियर विकल्प निम्न हो सकते हैं – टीम मैनेजर, रणनीति विशेषज्ञ, फिटनेस विशेषज्ञ, आहार सलाहकार, व्यक्तिगत प्रशिक्षक, रेफरी, अंपायर, मनोवैज्ञानिक, चिकित्सक, शरीर विज्ञानी, खेल चिकित्सक, खेल मीडिया और खेल आयोजनों के प्रबंधन में लगे अन्य अधिकारी आदि।
खेल क्षेत्र; युवाओं और खेल इकोसिस्टम से संबंधित विभिन्न व्यावसायिक गतिविधियों के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार प्रदान करके भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है। विश्व स्तर पर लगभग 500 बिलियन डॉलर का उद्योग होने के साथ, खेल क्षेत्र उद्यमशीलता के असंख्य अवसरों की पेशकश करता है। यह उद्योग लगातार बढ़ रहा है। एनसीएसएसआर और आरजीएनआईवाईडी के माध्यम से अकादमिक पाठ्यक्रमों में सफल होने वाले उम्मीदवारों की खेल क्षेत्र में भारी मांग होगी। वे स्टार्ट-अप शुरू कर सकते हैं तथा उनके पास खेल उद्योग से जुड़ी विभिन्न भूमिकाओं का भी विकल्प होगा। खेल उद्योग से संबंधित कुछ संभावित स्टार्ट-अप निम्न हो सकते हैं: फोटोग्राफी, मीडिया प्रबंधन, खुदरा स्टोर, खेल लेखन, खेल क्लब, व्यायामशाला, खेल रेडियो, जन संपर्क एजेंसी, प्रतियोगिता आयोजक, खेल कोचिंग, व्यक्तिगत प्रशिक्षक, फिटनेस विशेषज्ञ, आहार विशेषज्ञ, कोचिंग अकादमी, खेल प्रशिक्षण केंद्र, मार्शल आर्ट, खेल स्कूल, खेल अवसंरचना कंपनियां, खेल उपकरण निर्माण, खेल थीम वाले रेस्तरां, खेल सुविधाओं की स्थापना के लिए परामर्श, खेल शिविर, खेल प्रतियोगिताएं/लीग आयोजक, दौड़ आयोजक, ग्रीष्मकालीन शिविर, स्विमिंग पूल सुविधाएं, स्पोर्ट्स ब्लॉग लेखक, खेल संबंधी ऐप निर्माता, खेल पत्रिका प्रकाशक, खेल वेबसाइट निर्माता, यूट्यूब प्रशिक्षक, खेल वस्त्र व सहायक सामग्री निर्माता, खेल वीडियो गेम निर्माता, खेल चिकित्सक, खेल आयोजन प्रबंधन, कर्मचारियों के बीच खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कॉर्पोरेट जगत के साथ साझेदारी करना आदि।
ये प्रयास उन युवाओं को उत्कृष्ट अवसर प्रदान करेंगे, जो खिलाड़ी बनना चाहते हैं या खेल के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं। युवा इन कार्यक्रमों के तहत स्वयं को शिक्षित और प्रशिक्षित कर सकते हैं।……
लेखक: श्री निसिथ प्रमाणिक
केन्द्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल राज्य मंत्री तथा गृह राज्य मंत्री, भारत सरकार।