लखनऊ: नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान में वन्य जीवों के बाड़ों में बड़ी संख्या में फलदार पौधें रोपित किये जायेंगे। इससे प्राणि उद्यान परिसर में हरियाली तो बढ़ेगी ही साथ ही फल पकने पर वन्य जीवों को ताजे फल खाने को मिलेंगे जो उनके स्वास्थ्य के लिए लाभदायी होगा तथा उन्हें ताजा पोश्टिक आहार भी मिल सकेगा।
फलदार वृृक्षों पर अनेक प्रकार के पक्षी यथा तोते, बुलबुल, मैना, हार्न बिल (धनेष), गौरैया, कोयल, कोल्ट्रन ओरियोल, कबूतर आदि पक्षी भी बड़ी संख्या में फलों को खाने आयेंगे तथा षनै-षनै प्राणि उद्यान में अपना बसेरा भी बनायेंगे। इससे प्राणि उद्यान में पक्षियों की संख्या में भी वृृद्धि होगी, साथ ही विषेशकर विलुप्त होती जा रही प्रजातियों के पक्षियों का भी संरक्षण भी किया जा सकेगा तथा उनकी संख्या में भी बढ़ोत्तरी होगी। इन वृृक्षों के फलों को प्राणि उद्यान परिसर में स्वच्छन्द रूप से घूम रहे मोर, सेही एवं बिज्जू द्वारा भी खाया जायेगा। फलदार पौधों में मुख्यतः जामुन, अमरूद, बेर, षहतूत, कमरख, अंजीर, आढू, चीकू, आॅंवला, देसी आम आदि मुख्य हैं। इसके अतिरिक्त बड़ी संख्या में प्राणि उद्यान के खाली स्थानों पर छायादार देसी प्रजातियों के पौधों का भी रोपण किया जा रहा है/किया जायेगा। जिसमें मुख्यतः पीपल, बरगद, गूलर, पाकड़, सेमल, कचनार, अमलताष, जरूल, पैटलोफोर्म आदि पौधें भी रोपित किये गये हैं/किये जा रहे हैं।
यह जानकारी प्राणि उद्यान निदेशक, अनुपम गुप्ता ने दी। उन्होंने बताया कि फलदार पौधे मुख्यतः षाकाहारी वन्य जीवों के बाड़ों में यथा काला हिरन, पाढ़ा, बारासिंघा, बार्किंग डियर, चीतल, भालू, ऐमू, गेण्डा, षुतुरमुर्ग आदि बाड़ों में लगाये जायेंगे। इन वृृक्षों के बड़े होने पर ये वन्य जीवों को कड़ी गर्मी एवं धूप से भी बचाने में तथा बाड़ों को प्राकृतिक रूप से ठण्डा रखने में मदद करेंगे।
निदेशक ने कहा कि प्राणि उद्यान प्रषासन द्वारा बड़ी संख्या में फलदार वृृक्षों को रोपित किये जाने से प्राणि उद्यान में घूमने वाले दर्षकों के लिए तथा वन्य जीवों एवं पक्षियों के लिए बेहतर हरा-भरा परिवेष उपलब्ध हो सकेगा।