भारत ने अमेरिका, ब्राजील सहित कई देशों को मलेरिया रोधी दवाई हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन भेजी है। जिसे लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था कि पहले देश के कोने-कोने तक यह दवा भेजनी चाहिए इसके बाद दूसरे देशों को इसकी आपूर्ति की जानी चाहिए। अब इस पर दवा कंपनी जाइडस कैडिला का कहना है कि भारत के पास दवा की कोई कमी नहीं है। जाइडस कैडिला के सीईओ पंकज पटेल ने अहमदाबाद में कहा, ‘फार्मास्यूटिकल उद्योग ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के उत्पादन में काफी वृद्धि कर दी है। इस महीने दवा उद्योग ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा की 20 करोड़ टैबलेट का उत्पादन किया है।’
उन्होंने कहा, ‘हमारे पास दवा का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है, न केवल घरेलू बाजार के लिए बल्कि जरुरत पड़ने पर हम दुनिया को भी आपूर्ति करने में सक्षम हैं। मेरी कंपनी अगले महीने 15 करोड़ गोलियों के बराबर 30 टन एक्टिव फार्मास्यूटिकल इनग्रीडीएंट (एपीआई) का उत्पादन करेगी।’
We have sufficient stock available, not only for domestic market, but we would be able to supply to the world if need arises. My company will produce 30 tonnes of Active Pharmaceutical Ingredient (API) equivalent to 15 crore tablets next month: Pankaj Patel, CEO of Zydus Cadila https://t.co/NlsZZPH5Mn
— ANI (@ANI) April 11, 2020
दूसरे देशों की मदद की जाए, लेकिन भारतवासियों के लिए दवाएं उपलब्ध हों: राहुल
राहुल गांधी ने मलेरिया की दवा को लेकर ‘जवाबी कार्रवाई’ वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान पर कहा कि सरकार दूसरे देशों की मदद करे, लेकिन भारतीय नागरिकों के लिए जरूरी दवाएं उपलब्ध रहनी चाहिए। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘मित्रता जवाबी करवाई नहीं होती। भारत को जरुरत के इस समय में सभी देशों मदद करनी चाहिए, लेकिन जीवनरक्षक दवाएं भारतीय नागरिकों के लिए उचित मात्रा में पहले उपलब्ध होनी चाहिए।’
प्रफुल्ल चंद्र रे की वजह से भारत बना हाइड्रोक्सीक्लोक्वीन का सबसे बड़ा उत्पादक
देश में हाइड्रोक्सीक्लोक्वीन दवाई बनाने की सबसे बड़ी कंपनी बंगाल केमिकल्स एंड फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड रही है, जिसकी स्थापना आज से 119 साल पहले आचार्य प्रफुल्ल चंद्र रे ने की थी, जिन्हें भारतीय रसायन शास्त्र का जनक भी कहा जाता है। Source अमर उजाला