नई दिल्ली: केन्द्र सरकार का सात सदस्यीय अंतर मंत्रालीय दल इन दिनों असम में हाल में आई बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए राज्य में है। गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री वी. शशांक शेखर के नेतृत्व में यह दल प्रधानमंत्री श्री नरेद्र मोदी के निर्देश पर असम के दौरे पर है। असम के मुख्यमंत्री श्री सर्वानन्द सोनोवाल ने 18 जुलाई को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी।
अंतर मंत्रालयी दल ने आज गुवाहाटी में मुख्यमंत्री से भेंट की और उन्हें बाढ़ प्रभावित जिलों की अपनी यात्रा के निष्कर्षों से अवगत कराया।
श्री शशांक शेखर ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि दल ने स्वयं नुकसान और परेशानी तथा बाढ़ प्रभावित लोगों के पलायन को करते देखा। उन्होंने बताया कि दलों को दो समूहों में बांट दिया गया था और उसने बाढ़ प्रभावित ब्रह्मपुत्र और बराक घाटी जिलों का दौरा किया। मौके पर आकलन के तहत दल ने प्रभावित लोगों और बाढ़ के कारण हुए नुकसान का पता लगाने के लिए संबद्ध जिला प्रशासनों से बातचीत की।
मुख्यमंत्री ने बताया कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था और निवासियों की सुरक्षा के रूप में निर्मित अधिकतर तटबंधों की मियाद पूरी हो चुकी है। उऩ्होंने दल को बताया कि प्रधानमंत्री के बाढ़ और कटाव नियंत्रण विशेष कार्यक्रम को शुरू करने का एक प्रस्ताव पहले ही सरकार को दिया जा चुका है ताकि राज्य के तटबंधों को 5 हजार किलोमीटर के सड़क और तटबंध विस्तार के रूप में विकसित किया जा सके। मुख्यमंत्री ने बताया कि एक बार 5 हजार किलोमीटर लंबे क्षेत्र को सड़क और तटबंध में बदलने से ग्रामीण लोगों को बेहतर संपर्क स्थापित करने में मदद मिलेगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था तथा पर्यटन को लाभ पहुंचेगा। इस पहल से राज्य में प्रत्येक गांव को जोड़ने के लिए पीएमडीएसवाई का कार्यान्वयन सरलता से हो सकेगा। मुख्यमंत्री ने बाढ़ के कारण बेघर और भूमिहीन हुए लोगों के पुनर्वास की भी चर्चा की। स्थिति की गंभीरता और असम में बाढ़ से हुए नुकसान के बारे में श्री शशांक शेखर ने मुख्यमंत्री को बताया कि दल जल्द से जल्द केन्द्र सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप देगा ताकि बाढ़ से जुड़े मुद्दों से निपटने के लिए धनराशि तेजी से जारी की जा सके।
दल ने विश्वनाथ, लखीमपुर, मजूली, बारपेटा, कछार, हेलाकांडी और करीमगंज जिलों में बाढ़ से हुए नुकसान का मौके पर पहुंच कर आकलन किया।
दल के अन्य सदस्यों में सीडब्ल्यूसी, शिलांग के मुख्य अभियन्ता श्री पीएम स्कॉट, नीति आयोग के निदेशक (पूर्वोत्तर) श्री संजय कुमार, वित्त मंत्रालय में सहायक निदेशक, श्री बी के मिश्रा; सड़क, परिवहन और राजमार्ग में सहायक कार्यकारी अभियन्ता श्री सचिन कुमार गौतम; ग्रामीण विकास, राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एजेंसी के सहायक निदेशक श्री राकेश कुमार और गन्ना विकास विभाग, लखनऊ के निदेशक श्री ए.एल. वागमारे भी शामिल थे।