नई दिल्ली: महिला और बाल विकास मंत्रालय की वेबसाइट पर अंतर्राष्ट्रीय बाल अपहरण के नागरिक पहलुओं से जुड़े विचार पत्र पर टिप्पणी और सुझाव आमंत्रित किए गए हैं। महिला और बाल विकास मंत्रालय ने 27 फरवरी, 2017 को नई दिल्ली में हेग समझौते पर राष्ट्रीय परामर्श बैठक का आयोजन किया था। इस विषय के विभिन्न पहलुओं पर विचार करने और अपनी सिफारिश देने के लिए पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री राजेश बिंदल की अध्यक्षता में एक बहुसदस्यीय समिति बनाई गई थी। इस समिति ने विचार पत्र तैयार किया है, जिसे Link: http://wcd.nic.in/sites/default/files/MEENAXEE%20RAJ%20HAGUE_0.pdf पर एक्सेस किया जा सकता है।
पारदेशीय विभागों में वृद्धि तथा आज के संबंधों में शामिल जटिलताओं को देखते हुए अभिभावकों और बच्चों के अधिकारों की रक्षा राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व का विषय है। सीमा कपूर बनाम दीपक कपूर मामले में पंजाब और उच्च न्यायालय ने इस विषय को आगे विचार के लिए विधि आयोग को भेज दिया। आयोग से विषय में शामिल अंतर देश, परिवारों में अंतर माता-पिता बाल अपहरण जैसे पक्षों पर विचार करने को कहा गया है और उससे यह विचार करने को भी कहा गया कि क्या बाल अपहरण से संबंधित पर हेग समझौते पर हस्ताक्षर के लिए उचित कानून बनाया जाना चाहिए। विधि आयोग ने टिप्पणी करते हुए कहा कि महिला और बाल विकास मंत्रालय ने अंतर्राष्ट्रीय बाल अपहरण विधेयक 2016 के नागरिक पहलुओं का मसौदा बना रखा है। यह मामला फिर विधि आयोग को भेजा गया। विधि आयोग ने अपनी 263वीं रिपोर्ट में सरकार को परामर्श दिया कि विधेयक के मसौदे में विधायी परम्पराओं और व्यवहारों को ध्यान में रखते हुए तथा हेग समझौता 1980 के साथ प्रावधानों का उचित संतुलन को देखते हुए इस विषय पर विचार की आवश्यकता है।
इसके बाद महिला और बाल विकास मंत्रालय ने नई दिल्ली में हेग समझौते पर राष्ट्रीय परामर्श बैठक का आयोजन किया। इसमें एक समिति बनाई गई। यह समिति अभी अंतर्राष्ट्रीय बाल अपहरण के विभिन्न नागरिक पहलुओं का अध्ययन और विश्लेषण कर रही है। प्रक्रिया के हिस्से के रूप में टिप्पणियां और सुझाव आमंत्रित किये जा रहे हैं।