लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि बोधित्सव, भारतरत्न बाबा साहब डाॅ0 बी0आर0 आंबेडकर का जीवन समतामूलक समाज के निर्माण के लिए समर्पित था। वे समाज में राजनीतिक समानता के साथ ही सामाजिक, आर्थिक सहित समग्र समानता की स्थापना के समर्थक थे। दुनिया में जब भी स्वतंत्रता, समानता, न्याय, बन्धुता की बात होगी, बाबा साहब को याद किया जाएगा। भारत की स्वाधीनता को अक्षुण्ण बनाये रखने के लिए भी बाबा साहब द्वारा अविस्मरणीय कार्य किए गये। राष्ट्र के हित के लिए उन्होंने व्यक्तिगत हित को महत्व नहीं दिया।
मुख्यमंत्री जी आज यहां बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में बाबा साहब डाॅ0 आंबेडकर की 127वीं जयन्ती पर आयोजित एक राष्ट्रीय संगोष्ठी में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि डाॅ0 आंबेडकर को बचपन से ही अनेक सामाजिक बुराइयों तथा आर्थिक असमानता का सामना करना पड़ा। बाबा साहब के चरित्र की यह बहुत बड़ी खूबी है कि जीवनपर्यन्त सामाजिक एवं आर्थिक विषमताओं को सहन करने के बावजूद, संविधान निर्माण का अवसर प्राप्त होने पर उन्होंने इस पर अपने द्वारा सहन किए गये कष्टों की छाया नहीं आने दी।
योगी जी ने कहा कि डाॅ0 बी0आर0 आंबेडकर ने देश की समस्याओं को समझा था। उन्होंने सदैव देश और समाज को आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। समग्रता से देखने पर पता चलता है कि उनका दर्शन ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ का सपना साकार कर सकता है। केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा इसी दिशा में कार्य किया जा रहा है। प्रधानमंत्री जी ने डाॅ0 आंबेडकर से जुड़े 05 स्थलों-जन्म स्थल, लन्दन स्थित शिक्षा स्थल, परिनिर्वाण स्थल, दीक्षा भूमि तथा चैत्य स्थल को पंचतीर्थ के रूप में विकसित कर उनके व्यक्तित्व और कृतित्व को देश और दुनिया के सामने लाने का महत्वपूर्ण कार्य किया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि देश डाॅ0 आंबेडकर की प्रेरणा से प्रकाश पाकर निरंतर आगे बढ़ रहा है। केन्द्र सरकार ने जनधन योजना, गरीब के लिए आवास की व्यवस्था, घर में शौचालय निर्माण, निःशुल्क बिजली कनेक्शन के माध्यम से गरीब, दलित और वंचित वर्ग के लिए बेहतर जीवन स्तर उपलब्ध कराया है। यह न्याय और समता की स्थापना के भाषणों से नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व की केन्द्र सरकार की कर्मठता और सतत प्रयास से सम्भव हुआ है। केन्द्र सरकार के अनुरूप कार्य करते हुए प्रदेश सरकार ने भी राज्य के गरीब, दलित और शोषित वर्ग को 8.85 लाख आवास, 40 लाख शौचालय, 1.42 लाख विद्युत कनेक्शन तथा 37 लाख राशन कार्ड उपलब्ध कराकर समाज की मुख्यधारा में उनकी भागीदारी सुनिश्चित की है।
योगी जी ने कहा कि वर्तमान सरकार ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के शत-प्रतिशत कुल 21 लाख विद्यार्थियों को स्काॅलरशिप उपलब्ध करायी है। इस वर्ष 23 लाख छात्र-छात्राओं को स्काॅलरशिप दी जाएगी। साथ ही, अब यह व्यवस्था की गई है कि स्काॅलरशिप की पहली किश्त 02 अक्टूबर को तथा दूसरी किश्त 26 जनवरी को उपलब्ध करा दी जाए। स्काॅलरशिप की पात्रता हेतु आय सीमा को 02 लाख रुपये से बढ़ाकर ढाई लाख रुपये किया जाएगा। इससे अनुसूचित जाति के 50 हजार और अनुसूचित जनजाति के 500 अतिरिक्त विद्यार्थियों को स्काॅलरशिप का लाभ प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के अन्तर्गत दर्ज मामलांे का त्वरित निस्तारण कराकर दोषियांे को दण्डित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा 25 नये न्यायालयों की स्थापना की जाएगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि डाॅ0 आंबेडकर शिक्षा को बहुत महत्वपूर्ण मानते थे। उन्होंने समाज के दलित, शोषित, वंचित वर्ग को शिक्षा को अपने जीवन का हिस्सा बनाने के लिए प्रेरित किया। प्रदेश सरकार राज्य के प्रत्येक बालक-बालिका का नामांकन सुनिश्चित करने के लिए 02 अप्रैल से 30 अप्रैल, 2018 तक स्कूल चलो अभियान संचालित कर रही है। विगत वर्ष मंे 1.54 करोड़ विद्यार्थियों का नामांकन कराकर उनके लिए पुस्तक, बैग, जूता-मोजा आदि की व्यवस्था की गई थी। वर्तमान शिक्षा सत्र के पाठ्यक्रम में सभी महापुरुषों को स्थान दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय में महात्मा ज्योतिबा फुले की पत्नी सावित्री बाई फुले के नाम पर महिला छात्रावास का निर्माण कराया जाएगा।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री जी ने राष्ट्रीय संगोष्ठी की स्मारिका सहित विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ0 आर0सी0 सोबती द्वारा सम्पादित पुस्तकों का विमोचन भी किया। मुख्यमंत्री जी ने बाबा साहब डाॅ0 भीम राव आंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर संगोष्ठी का शुभारम्भ किया।
विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ0 आर0सी0 सोबती ने अपने स्वागत भाषण मंे कहा कि बाबा साहब अपना जन्म दिन मनाने के पक्ष मंे नहीं थे। किन्तु वर्तमान समय में युवा पीढ़ी को उनके व्यक्तित्व, कृतित्व, विचारों एवं आदर्शाें से परिचित कराने तथा युवाओं को बाबा साहब के सपनों को साकार करने के लिए प्रेरित करने के लिए ऐसे आयोजन आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि बाबा साहब डाॅ0 आंबेडकर की सोच वैज्ञानिक थी। उनकी विद्वता के कारण उन्हें चलता-फिरता विश्वविद्यालय माना जाता था। अपने सम्बोधन के दौरान उन्होंने विद्यार्थियों को देश की एकता, सामाजिक समरसता तथा जाति विहीन समाज बनाने का प्रयास करने का संकल्प भी दिलाया।
कार्यक्रम को वीर बहादुर सिंह पूर्वान्चल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति श्री पी0सी0 पतंजलि ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम के अन्त में प्रो0 एस0डी0 शर्मा ने अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर ग्राम्य विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ0 महेन्द्र सिंह, अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री श्री बलदेव ओलख सहित जनप्रतिनिधिगण, अधिकारीगण, विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं विद्यार्थीगण तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।