श्र०प्र० संवाददाता: प्रदेश सरकार ने तमाम कयासों पर विराम लगाते हुए वर्ष 1979 बैच के आईपीएस अधिकारी डीजी अरविंद कुमार जैन को प्रदेश पुलिस की कमान सौंप दी है। उन्हें निवर्तमान डीजीपी अरुण कुमार गुप्ता के रिटायर होने के बाद प्रदेश का नया डीजीपी बनाया गया है।
यह बात दीगर है कि कि उन्हें सिर्फ दो महीने तक काम करने का मौका मिलेगा। वह 31 मार्च 2015 को रिटायर हो जाएंगे। वह बसपा सरकार में एडीजी कानून-व्यवस्था पश्चिम व एटीएस भी रह चुके हैं। निवर्तमान डीजीपी अरुण कुमार गुप्ता के सेवा विस्तार पर विराम लगने के बाद शनिवार को सुबह उन्हें लखनऊ के पुलिस लाइन में विदाई दी गई। श्री गुप्ता ने विदाई परेड के बाद कहा कि पुलिस को हाईटेक करने के साथ ही पुरानी परंपरा के तहत पुलिसिंग करने की भी जरूरत है। इसके बाद शाम करीब पांच बजे श्री जैन को डीजीपी बनाए जाने की घोषणा की गई। डीजीपी मुख्यालय के लान में आयोजित ‘टी पार्टी’ में मौजूद प्रमुख सचिव गृह देबाशीष पंडा और मुख्य सचिव आलोक रंजन ने उन्हें आगे बढ़ कर बधाई दी और डीजीपी नियुक्त किए जाने की जानकारी भी।
इसके बाद से जैन को बधाइयों का तांता लग गया। श्री जैन मुलत: सहारनपुर के रहने वाले हैं। इतिहास में एमए करने के बाद वह भारतीय पुलिस सेवा में वर्ष 1979 में शामिल हुए। आईपीएस बनने के बाद उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी संभाली। वह आगरा, फैजाबाद, देहरादून, मुरादाबाद और गाजियाबाद जैसे जिलों में एसएसपी रहे। गाजियाबाद में तैनाती के दौरान हिजबुल मुजाहिद्दीन का आतंकी उमर शेख उनके नेतृत्व में चलाए गए आपरेशन के दौरान गिरफ्तार किया गया, जिसे बाद में कंधार हाईजैक के बाद रिहा किया गया।
प्रदेश में कचहरी ब्लास्ट के बाद उनके नेतृत्व में ही यूपी में आतंकवाद निरोधी दस्ते का गठन किया गया। वह दो साल तक इसके प्रमुख भी रहे। प्रदेश में सपा सरकार बनने के बाद पुलिस प्रमुख की कुर्सी संभालने वाले श्री जैन छठे पुलिस महानिदेशक हैं।
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