नई दिल्लीः भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह (आईएफएफआई), 2017 में आज फिल्म सोसाइटी फेडरेशन की एक पहल, ओपन फोरम का उद्घाटन किया गया। 48वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह, 2017 के 29वें संस्करण में फिल्म समारोहों के आयोजन में नई चुनौतियां पर एक परिचर्चा के साथ इस फोरम की शुरूआत हुई। यह पहल 1988 में तिरूवनंतपुरम में अपनी शुरूआत से ही परिचर्चाओं के आयोजन एवं महत्पूर्ण फिल्म विषयों पर विचार विमर्श करने के मामले में अग्रणी रही है।
शुरूआत में आईएफएफआई के फेस्टिवल निदेशक सुनित टंडन ने 1988 में पहले ओपन फोरम का हिस्सा बनने की अपनी पसंदीदा यादों को ताजा किया। उन्होंने विख्यात कलाकार जी. रविन्द्रन द्वारा डिजाइन किये गये पोस्टर को सुस्पष्ट रूप से याद किया और फेडरेशन के इतिहास को रेखांकित किया।
फिल्मकार और भारतीय फिल्म सोसाइटी फेडरेशन की अध्यक्ष किरण शांताराम ने कहा कि ओपन फोरम का संचालन यह जानने के लिए किया जाता है कि ‘’क्या देखें और कैसे देंखें’’। परिचर्चा के विषय के परिप्रेक्ष्य में उन्होंने बताया कि व्यक्तिगत रूप से समारोह का आयोजन एक दुष्कर कार्य है। फिल्म समारोहों के आयोजन में अपर्याप्त बुनियादी ढांचा तथा फंडों की कमी बड़ी बाधाएं हैं। उन्होंने कहा कि बिना सरकार के सक्रिय सहयोग के अंतरराष्ट्रीय स्तर के फिल्म समारोहों का आयोजन संभव नहीं है।
कर्नाटक चलनचित्र अकादमी, बैंगलुरू के अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह बाबू ने राज्य के साथ अकादमी द्वारा आरंभ किये गये कार्यों के विवरण प्रस्तुत किये। उन्होंने समारोह के आगामी 10वें संस्करण की तिथियों की भी घोषणा की जो 22 फरवरी से 2 मार्च तक आयोजित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, समारोह केवल बंगलोर तक ही सीमित नहीं रहेगा बल्कि समारोह के दायरे में मैसूर को भी शामिल किया जाएगा। समापन समारोह का आयोजन मैसूर राज महल के भव्य माहौल में किया जाएगा।
अगली वक्ता न्यूयॉर्क स्थित पत्रकार सामंता सरटोरी थी जिनका फिल्म समारोहों को कवर करने के मामले में व्यापक अनुभव है। वह इस अवसर पर उपस्थित होने में प्रफुल्लता का अनुभव कर रही थीं और समारोह से काफी प्रभावित थीं। इंटरनेशनल एलाएंसेज, ग्लोबल फिल्म फेस्टिवल्स, नोएडा के प्रमुख अमित अग्रवाल ने कहा कि डिजिटल युग में किसी समारोह का आयोजन करना आसान है लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि इसके लिए अच्छे बुनियादी ढांचे और योजना निर्माण की भी आवश्यकता है। उन्होंने उदाहरण के रूप में केन्स का हवाला दिया जहां किसी समारोह के समाप्त होने के अगले ही दिन से अगले समारोह की तैयारी आरंभ हो जाती है।
पैनलिस्टों द्वारा विभिन्न चुनौतियों पर अपनी महत्वपूर्ण प्रतिसूचना दिये जाने के बाद, फोरम को श्रोताओं के साथ परस्पर बातचीत के लिए खोल दिया गया। अगला ‘’ओपन फोरम’’ (23 नवम्बर 2017 को 1.30 बजे, ओल्ड जीएमसी बिल्डिंग, फर्स्ट फ्लोर, आईनॉक्स के सामने) प्रौद्योगिकी, श्रोता, वितरण, आर्थिकी, स्क्रीनिंग सुविधा आदि पर फोकस के साथ बदलते परिदृश्य में फिल्म निर्माण – विषय पर आयोजित किया जाएगा। इसमें निम्नलिखित वक्ता भाग लेंगे – ब्रिटेन की फिल्मकार सुश्री संजा अपेल ; बैंगलूर अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह के फेस्टिवल डायरेक्टर श्री एन विदयाशंकर ; वियतनाम की फिल्म ‘’फादर एंड सन’’ के निर्माता निर्देशक श्री लूआंग डिन्ह डंग ; कर्नाटक, भारत के फिल्मकार श्री भारत मिर्ले ; अहमदाबाद, भारत के निर्माता निर्देशक श्री रोबिन सिकावर ; गोवा के फिल्मकार श्री जोएविन फर्नांडिज एवं बीकानेर, राजस्थान के फिल्मकार डॉ. श्रेयांश जैन।