लखनऊ: दीनदयाल उपाध्याय ग्राम शोध संस्थान में शनिवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की केंद्रीय कार्यसमिति के उद्घाटन के अवसर पर परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. नागेश ठाकुर ने कहा देश में राष्ट्रवादी विचारधारा तेजी से लोकप्रिय हो रही है। विद्यार्थी परिषद के लिए यह अनुकूलता का महौल है। इसके बावजूद आज अनेक जयचंद भी सक्रिय हैं यह राष्ट्रहित के विरुद्ध काम कर रहे हैं। इनसे मुकाबले के लिए परिषद के हर एक कार्यकर्ता को उठ खड़े होना पड़ेगा। इसी के साथ समाज में समरसता का भाव भी विकसित करना होगा।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने इस बात पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता ने जाति, क्षेत्र, मजहब की संक्रीणता से ऊपर उठकर राष्ट्रवादी विचारों वाली सरकार को मौका दिया है। देश का यह सबसे बड़ा प्रदेश जातिवाद और भ्रष्टाचार की राजनीति से मुक्त हुआ है। इसका दूरगामी और सकारात्मक परिणाम दिखाई देगा। उत्तर प्रदेश को विकास के पथ पर अग्रसित करने में यहां के युवाओं को अपनी भूमिका निभानी चाहिए।
डा.ठाकुर ने कहा विद्यार्थी परिषद जमीनी संगठन है। समय≤ पर परिषद ने अनेक विषिष्ट कार्यक्रम लिए हैं। ऐसा ही एक कार्यक्रम समाजिक अनुभूति का है। जिसमें शहरों में पढ़ने वाले विद्यार्थी छुट्टियों के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में जा रहें हैं। और वहां कि सामाजिक-आर्थिक समस्याओं का अनुभव कर रहे हैं।
आगामी योजना-
विश्वविद्यालय परिसर कार्य, 11वीं 12वीं कक्षा में भी संगठन का प्रसार, छात्रावास संपर्क कार्य, छात्रा शिक्षा सर्वे, वैचारिक प्रचार अभियान, वैचारिक बहस, प्रबोधन एवं प्रशिक्षण की व्यापक योजना, अनुसूचित जाति एवं गरीब छात्रों के मुद्दों पर संघर्ष एवं संघटन कार्य, सोशल मीडिया पर सक्रियता बढ़ाने के लिये व्यापक कार्ययोजना।
राष्ट्रीय महामंत्री श्री विनय बिद्रे ने 29 मई से होने वाली राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद में आने वाले विषयों तथा समय पत्रक पर चर्चा की।
राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री सुनील आम्बेकर ने बैठक में उपास्थित देशभर से आए प्रतिनिधियों से विद्यार्थियों की समस्याओं के समाधान हेतु निरंतर प्रयत्नशील रहने का अह्वाहन किया। समाज में समरसता का वतावरण निर्माण हो इस हेतु हम सभी को प्रयास करने होंगे। षिक्षा क्षेत्र की समस्याओं पर विशेष ध्यान देते हुए हम युवाओं को राष्ट्रीय और समाजिक विषयों पर भी जागरूक करें। ताकि वह भी देश के विकास में अपनी भूमिका का निर्वाहन कर सकें।