नई दिल्लीः आयुष मंत्रालय के राष्ट्रीय औषधि पादप बोर्ड (एनएमपीबी) ने चिकित्सीय एवं सुगंधित पादप हितधारकों के साथ संयुक्त रूप से आज नई दिल्ली में राष्ट्रीय चिकित्सीय एवं सुगंधित पादप योजना के प्रारूप की जांच करने के लिए एक दिवसीय समीक्षा बैठक आयोजित की। समीक्षा बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री श्रीपद येसो नाइक ने कहा कि औषधि पादप क्षेत्र एक प्राचीन तथा एक उभरता हुआ (सनराइज) क्षेत्र भी है और यह देश को विविध अवसर उपलब्ध कराता है। उन्होंने कहा कि भारत हर्बल उत्पाद एवं हर्बल दवाओं के वैश्विक बाजार में एक अग्रणी भूमिका निभा सकता है।
इस अवसर पर मंत्री महोदय ने यह भी कहा कि औषधि पादप आधारित कच्चे माल की गुणवत्ता सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है। उन्होंने कहा कि मुख्य रूप से एक नष्ट होने वाली जिंस होने के कारण विशेष रूप से हर्ब एवं श्रब के मामले में कटाई के तुरंत बाद इसकी गुणवत्ता में गिरावट शुरू हो जाती है। श्री नाइक ने बताया कि एनएमपीबी ने गुणवत्तापूर्ण उत्पाद सुनिश्चित करने के लिए अपने दरवाजे पर ही ताजे उपज को समुचित रूप से सुखाने, भंडारित करने एवं प्राथमिक प्रसंस्करण के लिए संयुक्त वन प्रबंधन समिति/स्व सहायता समुह एवं इस प्रकार की एजेंसियों को शामिल करने के द्वारा पहले ही एक बड़ी पहल आरंभ कर दी है। मंत्री महोदय ने यह भी कहा कि यह योजना किसानों, संग्रहकर्ताओं, व्यापारियों एवं अन्य हितधारकों को उनके कच्चे मालों को प्रमाणित करने का अवसर उपलब्ध कराएगी।
आयुष मंत्री ने यह जानकारी भी दी कि 80 प्रतिशत से अधिक चिकित्सीय पौधे वन से सोर्स किए जाते हैं और इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में रोजगार अवसरों को सृजित करने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि समृद्ध जैव विविधता स्थानों के अनुषंगी क्षेत्रों में गरीबों में से भी सबसे गरीब रहते हैं जिनकी आय में एक व्यापक कार्य नीति, जिसका लक्ष्य क्षमता निर्माण, मूल्य संवर्धन सुविधाओं के प्रावधान तथा समुदाय एवं उद्योग के बीच परस्पर संपर्कों का निर्माण करना है, के जरिए वृद्धि की जा सकती है।
इस अवसर पर आयुष मंत्रालय में सचिव श्री वैद्य राजेश कोटेचा; आयुष के पूर्व सचिव श्री अजित एम. शरण; राष्ट्रीय औषधि पादप बोर्ड की सीईओ सुश्री शोमिता बिश्वास भी उपस्थित थे।
उद्घाटन सत्र के दौरान मंत्री महोदय ने ‘चिकित्सीय पादप उपज की स्वैच्छिक प्रमाणीकरण योजना (वीसीएसएमपीपी)’ भी आरंभ की जिसकी डिजाइन एनएमपीबी ने भारतीय गुणवत्ता परिषद (क्यूसीआई) के माध्यम से तैयार की।
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