नई दिल्लीः इस्पात मंत्रालय और उसकी सार्वजनिक इकाइयों ने 16 से 31 मार्च, 2018 तक स्वच्छता पखवाड़ा मनाया। मंत्रालय के उद्योग भवन स्थित कार्यालय और देशभर में फैले उसके विभिन्न संयंत्रों और सार्वजनिक उपक्रमों के कर्मचारियों ने इस दौरान विभिन्न तरह की गतिविधियों में भाग लिया। इस्पात मंत्रालय में 16 मार्च को सभी कर्मचारियों को स्वच्छता की शपथ दिलाने के साथ स्वच्छता पखवाड़े की शुरुआत की गई। स्वच्छता पखवाड़े के दौरान वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा सभी विभागों के स्वच्छता निरीक्षण किए गए। इस दौरान स्वच्छता विषय पर सुझावों और नए विचारों के लिए खुली चर्चा का आयोजन किया गया जिसमें मंत्रालय के कर्मचारियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। फाइलों के रख-रखाव और ई-ऑफिस तथा रिकॉर्ड प्रबंधन पर संगोष्ठी का आयोजन भी किया गया।
मंत्रालय ने अपने अधीनस्थ संयंत्रों और सार्वजनिक उपक्रमों से निर्धारित स्वच्छता मैपाने के अनुरूप विभिन्न इकाइयों की रेटिंग करने तथा अपनी वेबसाइटों पर स्वच्छता संदेश के साथ ही स्वच्छता से जुड़ी विभिन्न गतिविधियों की जानकारियां अपलोड करने के लिए कहा है। मंत्रालय ने इस जानकारियों को व्यापक स्तर पर पहुंचाने के लिए सार्वजनिक उपक्रमों से यू-ट्यूब, इंस्ट्राग्राम, एफबी, ट्वीटर जैसे सोशल मीडिया माध्यमों का इस्तेमाल करने के साथ ही प्रेस सम्मेलनों का आयोजन करने को भी कहा है।
स्वच्छता से जुड़ी गतिविधियों के संचालन के मामले में इस्पात मंत्रालय भारत सरकार के शीर्ष दस मंत्रालयों में से एक है। केन्द्र सरकार की स्वच्छता से संबंधित गतिविधियों की निगरानी करने वाले पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय ने प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में बढ़ाए गए कदमों के लिए इस्पात मंत्रालय और उसकी सार्वजनिक इकाइयों को बधाई दी है।