लखनऊ: प्रदेश के सहकारिता मंत्री श्री मुकुट बिहारी वर्मा ने कहा कि उ0प्र0 कोआपरेटिव बैंक का वर्ष 2017-18 में कुल लाभ रू0-77.84 करोड़ रहा तथा शुद्ध लाभ रू0-50.91 करोड़ रहा, जो बैंक इतिहास में सर्वाधिक है। बैंक द्वारा रू0-1033.00 करोड़ का विनियोजन भारत सरकार की खाद्यान्न सुरक्षा योजनान्तर्गत फूड क्रेडिट कन्र्सोटियम(एफसीसी) में किया गया है। जिससे वर्ष 2018-19 में लगभग रू0-95.00 करोड़ की आय प्राप्त होगी। साथ ही बैंक द्वारा इफ्को को रू0-400.00 करोड एवं एफ0सी0आई0 को रू0-250.00 करोड़ का शार्ट टर्म ऋण उपलब्ध कराया गया है, जिसके कारण क्रमशः रू0-13.51 करोड़ एवं रू0-1.75 करोड़ की आय होगी।
यह जानकारी सहकारिता मंत्री श्री मुकुट बिहारी वर्मा आज यहाॅं उ0प्र0 कोआपरेटिव बैंक लि0, महात्मागाॅधी मार्ग मुख्यालय के नवंे तल स्थित सभागार में आयोजित पे्रसवार्ता के दौरान दी। उन्होने कहा कि बैंक द्वारा व्यवसाय में वृद्धि हेतु ब्याज दरों को प्रतिस्पद्र्धात्मक किया गया तथा व्यवसाय विविधीकरण योजनान्तर्गत शाखाओं के माध्यम से 1389 लाभार्थियों को रू0-59.05 करोड़ का ऋण वितरण किया गया, जो अब तक का सर्वाधिक है। इसी प्रकार बैंक द्वारा पेराई सत्र 2017-18 में प्रदेश की सहकारी एवं निजी क्षेत्र की चीनी मिलों को रू0-1345.00 करोड़ की ऋण सीमा स्वीकृत करते हुए गन्ना मूल्य भुगतान हेतु रू0-1217.69 करोड़ उपलब्ध कराया गया तथा मिल परिसर में स्थित पावर प्लान्ट का भी वित्त पोषण किया गया, जिससे रू0-106.00 करोड़ की आय हुई।
श्री वर्मा ने कहा कि पारदर्शिता को बढ़ाने हेतु बैंक के सम्मानित ग्राहकांे को समस्त प्रकार के खातों की लेन-देन सम्बन्धी जानकारी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ‘‘एम-पासबुक एप‘‘ (मोबाइल एप) लांच की गयी है। उन्होने कहा कि वर्ष 2017-18 में अल्पकालीन फसली ऋण के अन्तर्गत रबी अभियान में 31मार्च 2018 तक रू0-1421.88 करोड़ का ऋण वितरण किया गया, जो गत वर्ष के ऋण वितरण के सापेक्ष रू0-516.11 करोड़ अधिक है। इसी प्रकार जिला सहकारी बैंकों के कुल निक्षेप संचय में भी वृद्धि हुई है। दिनांक 31.03.2018 को बैंक के कुल निक्षेप रू0-16631.68 करोड़ है, जो गत वर्ष के निक्षेप से रू0-369.78 करोड़ अधिक है। सहकारी देयों की वसूली रू0-2372.69 करोड़ रही, जो कि कुल माॅग का 35.24 प्रतिशत है तथा गत वर्ष की कुल वसूली से 13.23 प्रतिशत अधिक है। प्रदेश के 16 कमजोर जिला सहकारी बैंक जिनको वर्ष 2016 में लाइसेंस प्राप्त हुआ था, उनमें वर्षान्तर्गत सी0बी0एस0 का कार्य प्राथमिकता के आधार पर कराया जा रहा है, जिसमें से 10 जिला सहकारी बैंकों यथा-आजमगढ, बहराइच, बस्ती, फैजाबाद, फतेहपुर, गोरखपुर, सीतापुर, बलिया, सिद्धार्थनगर एवं वाराणसी में सी0बी0एस0 कार्य पूर्ण हो चुका है तथा 16 जिला सहकारी बैेंकों की 394 शाखाओं में से 353 शाखाओं को सी0बी0एस0 सिस्टम से जोड़़ दिया गया है। 06 जिला सहकारी बैंकों की शेष शाखाओं को 15 अप्रैल, 2018 तक सी0बी0एस0 से जोड़ दिया जायेगा। पूर्व में मात्र 08 जिला सहकारी बैंकों द्वारा फसली ऋण वितरण किया जा रहा था। वर्तमान में 15 जिला सहकारी बैंकों द्वारा उक्त कार्य सम्पादित किया जा रहा है।
सहकारिता मंत्री श्री वर्मा ने यू0पी0 कोआपरेटिव बैंक के कार्मिकों द्वारा मुख्यमंत्री बाढ़ राहत कोष में रू0-13.72 लाख का अंशदान लखनऊ स्थित प्राणि उद्यान के एक सफेद बाघ का अंगीकृत किये जाने तथा स्वच्छता अभियान के अन्तर्गत बैंक के इतिहास में पहली बार बैंक की 110 टन पुराने निष्प्रयोजय अभिलेखों का निस्तारण भारतीय रिजर्व बैंक के दिशा-निर्देशों के अनुरूप किया गया। उन्होने कहा कि प्रदेश सरकार की भ्रष्टाचार मुक्त कार्य संस्कृति विकसित करने एवं भ्रष्टाचार के विरूद्ध सरकार की जीरो टालरेंस नीति का अनुसरण करते हुए उ0प्र0 कोआपरेटिव बैंक एवं जिला सहकारी बैंक के कतिपय दोषी अधिकारियों के विरूद्ध अनुशासनिक कार्यवाही की गयी है।
सहकारिता मंत्री श्री मुकुट बिहारी वर्मा ने श्री आर0के0 सिंह, प्रबन्ध निदेशक, उ0प्र0 कोआपरेटिव बैंक लि0, लखनऊ की प्रशंसा करते हुए बैंक कार्मिकों का आहवान किया कि वे पूरी लगन, निष्ठा, ईमानदारी एवं मेहनत के साथ कार्य करें तथा सहकारिता को प्रदेश के जन-जन में सफल बनायें। श्री वर्मा ने बैंक केे प्रबन्ध निदेशक एवं बैंक कार्मिकों के अथक प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि बैंक इसी प्रकार से उत्तरोत्तर प्रगति करते हुए सहकारिता आन्दोलन को गतिशीलता प्रदान करता रहेगा। बैंक के प्रबन्ध निदेशक, श्री रविकान्त सिंह ने दिनांक 11.04.2018 को वित्तीय वर्ष 2017-18 के कार्यांे का विवरण पावर प्वाईन्ट के माध्यम से प्रस्तुत किया। इस अवसर पर विशेष सचिव सहकारिता मो0 जुनीद, सहित बैंक के अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।