देहरादून: यदि मैं बेहतर देख सकता हूं, तो मैं बेहतर सोच सकता हूं, अगर मैं बेहतर सोच सकता हूं, तो मैं बेहतर कर सकता हूं। यही वह विचार है जो हम अपने लक्ष्मी डेंटल लेजर एवं इंप्लाट केंद्र देहरादून में ’कार्ल जेसिस’ के लाइव स्ट्रीमिंग कनेक्ट के साथ शुरू कर रहे हैं – डॉ नीतीश काम्बोज
चिकित्सा जगत में अब दांतो के आधुनिक उपचार में क्रांति आ गई है डिजिटलाइजेशन के इस आधुनिक दौर में दातों के आधुनिक उपचार की मांग बढ़ी है। लेकिन जानकारी ना होने के कारण मरीजों को इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ता है। दातों के उपचार में विज्ञान की बहुत बड़ी भूमिका होती है एक दंत रोग विशेषज्ञ जिसे स्माइल आर्किटेक्ट भी कहा जाता है आज के दौर में बहुत जरुरी हो गया है। भागम-भाग व तनाव से भरी जीवनशैली एवं अनियंत्रित खानपान से सर्वप्रथम हमारे दांतों को नुकसान पहुंचाता है। मानव शरीर में प्राकृतिक रूप से दांत मात्र 2 बार उत्पन्न होते हैं दांत ना सिर्फ हमारे व्यक्तित्व को प्रभावित करते हैं बल्कि हमारे स्वास्थ्य पर भी इनका सीधा प्रभाव होता है। दंत चिकित्सा विज्ञान में हमारा प्रयास होता है कि प्राकृतिक दांतों को जहां तक हो सके सुरक्षित रखा जाए।
सामान्यतः मुंह के भीतर देखने से लगता है कि हमारे दांत मसूड़े और जबड़े से जुड़े हैं लेकिन यह हमारी मानसिक तंत्रिकाओं को भी सीधे प्रभावित करते हैं। बीते दौर की दंत चिकित्सा में मुह के भीतर पर्याप्त मैगनीफिकेशन का न होना और रोशनी की कमी से उपचार प्रकिया प्रभावित होती थी जिससे सर्जरी जैसी प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न होती थी। किन्तु अब क्षतिग्रस्त या संक्रमित दांत के उपचार के दौरान चिकित्सा प्रक्रिया में मैगनीफिकेशन व रोशनी का प्रयाप्त समाधान आ गया है। जिससे मरीज अनेक परेशानियों का सामना करने से बच जाएगें।
दांत निकलवाने से लेकर बचाव की प्रक्रिया के दौरान दांत भीतर ही टूट कर छूट जाना अब पुरानी बात हो गयी जिससे न सिर्फ संक्रमण जनित गंभीर रोग उत्पन्न होने की संभावना रहती थी बल्कि मुंह का कैंसर जैसा लाइलाज रोज उत्पन्न होने का खतरा भी बना रहता था, जो आगे चलकर संपूर्ण मानव जीवन को प्रभावित कर सकता है।
उत्तराखंड प्रदेश के लिए यह सौभाग्य की बात है कि लक्ष्मी डेंटल लेजर एवं इंप्लाट केंद्र उत्तर भारत का पहला क्लिनिक बनने जा रहा है जहां आधुनिक माईक्रोस्कोप के माध्यम से मुंह के भीतर दातों मसूड़ों का आधुनिक उपकरणों (माईक्रोस्कोप मैगनीफिकेशन) द्वारा उपचार सम्भव हो गया है। अत्याधुनिक माईक्रोस्कोप से छोटी से छोटी अंश को भी व्यापक रूप में देखा जा सकता है और उसको अघ्ययन कर इलाज किया जा सकता है। मुंह के भीतर दांतो की वास्तविक समस्या का आधुनिक यंत्रों के माध्यम से बेहतर उपचार कर सकने में लक्ष्मी डेंटल लेजर एवं इंप्लाट केंद्र अब पहले से ज्यादा सक्षम हुआ, जिससे मरीज को अब चीरफाड़ व अन्य दर्दनाक गंभीर समस्याओं को काफी हद तक बचाया जा सकता है। आधुनिक कार्ल जेसीस माईक्रोस्कोप के माध्यम से दाँत व मुह की खासकर धूम्रपान करने वाले गुटखा तंबाकू खाने वाले और उनसे होने वाले मुंह को नुकसान की वास्तविक स्थिति को मरीज के सामने रखकर सही उपचार देने में लक्ष्मी डेंटल एवं लेजर इंप्लाट केंद्र सक्षम हो गया है जिससे उत्तराखंड के हर नागरिक के चेहरे की मुस्कान को संजोया जा सके।
प्रेस वार्ता का आयोजन लक्ष्मी डेंटल लेजर एवं इंप्लाट केंद्र देहरादून में किया गया तथा इस आयोजन में संयुक्त रूप से डॉ नीतीश काम्बोज (दंत चिकित्सक) के साथ श्री विजय कुमार श्रीवास्तव, राष्ट्रीय प्रबंधक, सेल्स एवं मारकेटिगं, कार्ल जेसीस मौजूद रहे। कार्यक्रम के अन्त में गढ़़वाल के डी0आई0जी0 श्री पुष्कर ज्योति ने भी शामिल हुये और वे अपने अनुभव को प्रेस वार्ता में बताया, कि वे किस तरह से अपने दांतो कि देखभाल करते है साथ ही साथ उन्होंने डॉ नीतीश काम्बोज के प्रयास को भी सराहा और लोगो से अपील किया कि वे अपने दांतो से सम्बंधित बीमारियो गंभीरता ले और समय समय पर दंत चिकित्सक कि सलाह लेते रहे।