नई दिल्लीः उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू आज राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर भारतीय प्रेस परिषद द्वारा आयोजित समारोह में शामिल हुए। यह समारोह भारतीय प्रेस परिषद के स्वर्ण जयंती समारोह के समापन अवसर पर आयोजित किया गया था।
उपराष्ट्रपति ने इस अवसर पर कहा कि यद्यपि पत्रकारिता का स्वरूप बदल गया है, लेकिन अभी भी पत्रकारिता सार्वजनिक विचार बनाने और सरकार के निर्णय को प्रभावित करती है।
उपराष्ट्रपति ने प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया दोनों के न्यूजरूम में दिखीं खतरनाक प्रवृतियों पर चिंता व्यक्त की। इस पर नियंत्रण लगाना आवश्यक है, ताकि अतीत में प्रेस द्वारा निभाई गई भूमिका की महत्ता बनी रहे।
समारोह में केन्द्रीय सूचना और प्रसारण तथा वस्त्र मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी ने कहा कि मीडिया की आवाज नहीं दबायी जानी चाहिए और मीडिया की अभिव्यक्ति सुनिश्चित करना हमारी संवैधानिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि आजकल नागरिक सोशल मीडिया के माध्यम से पत्रकार बन रहे हैं और वह मीडिया को अपनी जिम्मेदारियों के बारे में याद दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
प्रसिद्ध पत्रकार श्री सेन राजप्पा, श्री शरत मिश्रा को पत्रकारिता में उनके योगदान के लिए संयुक्त रूप से राजाराम मोहन राय पुरस्कार दिया गया। इंडियन एक्सप्रेस की सुश्री शालिनी नायर को ग्रामीण पत्रकारिता तथा विकास रिपोर्टिंग का पुरस्कार दिया गया। खोजी पत्रकारिता का पुरस्कार मंगलम् दैनिक के श्री के. सुजीत और ओडिशा की स्वतंत्र पत्रकार सुश्री चित्रांगदा चौधरी को दिया गया। फोटो पत्रकारिता के पुरस्कार चंद्रिका दैनिक के श्री सी.के. थानसीर, प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया के श्री विजय वर्मा और मलयालय मनोरमा के श्री जे.सुरेश को दिये गये। बेस्ट न्यूज पेपर आर्ट के लिए टाइम्स ऑफ इंडिया के श्री गिरिश कुमार को पुरस्कार प्रदान किया गया।