नई दिल्ली: भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, राष्ट्रीय राजमार्गों पर अधिग्रहितकी गई 183 जगहों पर आधारभूत सुविधाएं विकसित करने की प्रक्रिया का शुभारंभ कर चुका है। ये आधारभूत सुविधाएं यात्रा के दौरान हाइवे पर आने-जाने वालों को आराम और तरोताज़ा होने जैसी सुविधाएं प्रदान करेंगी। इन सभी स्थलों पर कार, बस एवं ट्रक के लिए पार्किंग, रेस्त्रां/फूड कोर्ट, ढाबा, ईंधन केन्द्र, छोटी-मोटी मरम्मत के लिए दुकानें, यात्रियों के लिए आरामग्रह, चालकों के लिए आरामग्रह, विविध वस्तुओं की बिक्री के लिए छोटी दुकानें (कियोस्क) आदि को विकसित किया जाएगा। पांच एकड़ से अधिक भूमि पर उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाओं को ‘हाइवे विलेज’ और पांच एकड़ से कम भूमि वाले स्थान उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाओं को “हाइवे नेस्ट” ब्रांड के रूप में विकसित किया जाएगा।
केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने आज नई दिल्ली में “हाइवे विलेज” और “हाइवे नेस्ट” के लिए एक ‘लोगो’ का अनावरण किया। इस अवसर पर सम्बोधित करते हुए श्री गडकरी ने सूचित किया कि मंत्रालय ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर प्रत्येक 50 किमी. की दूरी पर आधारभूत सुविधाएं विकसित करने की योजना बनाई है। देशभर में इस तरह की 1000 से भी अधिक आधारभूत सुविधाएं विकसित करने की ज़रूरत होगी।
श्री गडकरी ने बताया कि एनएचएआई के पास उपलब्ध 183 चिन्हित जगहों में से 34 स्थानों के लिए बोलियां आमंत्रित की जा चुकी हैं। इन स्थानों के लिए बोलियों की प्राप्ति की अंतिम तारीख 21.08.2017 और 27.0 9 .2017 है। उन्होंने कहा कि एनएचएआई अगस्त 2017 तक 30 अन्य साइटों के लिए बोलियां आमंत्रित करने की प्रक्रिया में है और बाकी बाकी सभी साइटों के लिए निविदा की प्रक्रिया सितंबर 2017 तक पूरी की जानी है।
एनएचएआई ने फ्रैंचाइज़ आधार पर निजी सहभागिता के लिए आह्वान किया है। राजमार्गों पर न्यूनतम एक एकड़ से अधिक निजी भूमि मालिक/व्यक्ति, प्राधिकरण के साथ फ्रैंचाइज़ के तौर पर राजमार्गों पर आधारभूत सुविधाएं मुहैया कराने दिशा में “हाइवे नेस्ट” ब्रांड नाम के अंतर्गत एनएचएआई के साथ जुड़ सकते हैं। ये लोग एनएचएआई द्वारा तय मानकों के अनुरूप सुविधाएं विकसित करेंगे। इसके अंतर्गत तीन अलग-अलग तरह की सुविधाएं विकसित की जाएंगी। टाइप-1 के अंतर्गत यात्री और भारी वाहन चालकों के लिए समर्ग सुविधाएं, टाइप-2 में केवल यात्रियों के अनुरूप सुविधाएं और टाइप-3 के अंतर्गत ट्रक चालकों को ध्यान में रखकर सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
निजी संस्थाओं को ब्रांडिंग, लोगो और संकेतकों के साथ-साथ सुविधा, सहायता और भूमि उपयोग रूपांतरण आदि सुविधाएं निःशुल्क आधार पर मुहैया कराने की प्रक्रिया में एनएचआई द्वारा सहायता प्रदान की जाएगी। निजी संस्था को इस संबंध में एनएचएआई के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर करने होंगे।
इस अवसर पर बोलते हुए एनएचएआई के चेयरमैन श्री दीपक कुमार ने कहा कि राजमार्गों पर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए एक एकड़ से अधिक भूमि मालिकों से बोलियां आमंत्रित की जा रही हैं। इच्छुक व्यक्ति 20 सितंबर 2017 तक क्षेत्रीय राजमार्ग कार्यालयों में बोलियां जमा करा सकते हैं। इस संबंध में प्रारूप एवं अन्य दस्तावेज़ों को एनएचएआई की वेबसाइट www.nhai.org और ई-टेंडर पॉर्टल www.etenders.gov.in पर अपलोड किया जा रहा है। इच्छुक आवेदकों को इन प्रारूपों एवं दस्तावेज़ों को डाउनलोड कर, पूर्ण रूप से भरकर संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय में जमा करना होगा। इस संबंध में इच्छुक आवेदकों के साथ पूर्व बोली बैठक 31 अगस्त 2017 को निर्धारित की गई है।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग सचिव श्री वाई.एस. मलिक ने कहा कि राजमार्गों पर आधारभूत सुविधाएं विकसित होने से राजमार्गों पर सफर करने वाले यात्रियों का सफर अधिक सुविधाजनक होगा।
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