बेंगलुरू: कर्नाटक सरकार ने राज्य के 22 लाख किसानों के सहकारी बैंकों से 50,000 रुपये तक के फसल ऋण को माफ करने की घोषणा की है. मुख्मयंत्री सिद्धारमैया ने विधानसभा में कहा कि सहकारी बैंकों से 22 लाख, 27,500 किसानों द्वारा लिए गए 50,000 रुपये तक के फसल ऋण को माफ कर दिया जाएगा.
सरकार का फैसला विपक्ष द्वारा किसानों की परेशानी दूर करने तथा साल 2016 के सूखे से राहत प्रदान करने को लेकर ऋण माफी की मांग के बाद आया है. किसानों की ऋण माफी से सरकारी खजाने पर 8,165 करोड़ रुपये का बोझ बढ़ेगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि 20 जून तक के बकाया फसल ऋण भी माफ कर दिए जाएंगे. किसान सहकारी बैंकों से अब तक 10,736 करोड़ रुपये ऋण ले चुके हैं.
मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कहा कि किसान संकट में हैं. वे कर्ज माफी की मांग कर रहे हैं. हमें किसानों को जवाब देना है. उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र के हित में सरकार ने 22,27,506 किसानों के पक्ष में आगे आने का निर्णय किया है.
सिद्धारमैया ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि वह किसानों द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों से लिए गए कृषि ऋण को भी माफ करे. उन्होंने कहा कि किसानों ने जो कर्ज लिया है, उसमें सहकारी बैंकों का हिस्सा केवल 20 प्रतिशत है जबकि 80 प्रतिशत हिस्सा ग्रामीण, राष्ट्रीयकृत और अन्य बैंकों का है जो, केंद्र सरकार के दायरे में आता है.
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