बहराइच: शासन के निर्देश पर जनपद के किसानों की आमदनी को दोगुना करने के उद्देश्य से जनपद की प्रत्येक न्याय पंचायत के 02-02 ग्रामों में अपरान्ह 04ः00 बजे से 08ः00 बजे तक किसानों की पाठशाला आयोजित की जायेगी। किसान पाठशाला के माध्यम से कृषि विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी व कर्मचारी किसानों को कृषि की नवीनतम तकनीकों के साथ-साथ उद्यान, पशुपालन, दुग्ध, रेशम, मत्स्य, विपणन इत्यादि के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान करेंगे ताकि जिले के किसानों की आय दोगुनी हो सके।
किसान पाठशाला के माध्यम से विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी व कर्मचारी किसानों को बेहतर जानकारी प्रदान कर सकें इसके लिए शनिवार कृषि भवन सभागार में वृहद प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।
संयुक्त कृषि निदेशक, देवीपाटन मण्डल गोण्डा डा. पी.के. गुप्ता की अध्यक्षता में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिले के विभिन्न विभागों के अधिकारियों, कृषि वैज्ञानिकों, कृषकों व अन्य विषय विशेषज्ञों ने विभाग के क्षेत्रीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों को किसानों की आय को बढ़ाये जाने के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण जानकारी व सुझाव प्रदान की। प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारम्भ उप निदेशक कृषि डा. आर.के. सिंह ने किया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए फसल अनुसंधान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. एम.बी. सिंह, कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक डा. आर.के. पाण्डेय व डा. वी.पी. सिंह द्वारा उपस्थित कर्मचारियों को कृषि की नवीनतम जानकारी उपलब्ध करायी गयी तथा कृषि उत्पादन बढ़ाने तथा फसलों की लागत कम करने के सम्बन्ध में भी आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
जिला कृषि रक्षा अधिकारी राम दास वर्मा ने फसलों को कीट/व्याधियों से सुरक्षित कर किसानों की आय में बढ़ोत्तरी के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण सुझाव दिये। कृषि वैज्ञानिक डा. शेर सिंह ने किसानों को फसल उत्पादन, उर्वरक प्रयोग, ढैचाबीज उत्पादन कर हरीखाद का निर्माण तथा दलहनी एवं तिलहनी फसलों में सल्फर का उपयोग बढ़ाकर उत्पादन में वृद्धि करने के सम्बन्ध में सुझाव दिया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान मत्स्य निरीक्षक मछली उत्पादन से आय में बढ़ोत्तरी, मछलीपालन के लिए तालाबों का रख-रखाव तथा मछली की लाभकारी प्रजातियों के बारे में जानकारी प्रदान की। मृदा परीक्षण प्रयोगशाला के प्रभारी धीरज भारती ने फसलों की बुआई से पूर्व मृदा परीक्षण के महत्व तथा तद्नुसार उर्वरकों का उपयोग किये जाने के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण सुझाव दिये। वरिष्ठ गन्ना निरीक्षक लालचन्द उपाध्याय ने गन्ना की फसल से अच्छी आमदनी प्राप्त करने के तौर-तरीकों के बारे में जानकारी दी गयी। भूमि संरक्षण अधिकारी कृषि संतोष कुमार यादव ने विभागीय योजनाओं तथा मेढ़ बन्दी से होने वाले लाभों के बारे में विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम के अन्त में संयुक्त कृषि निदेशक श्री गुप्ता ने सभी प्राविधिक सहायकों, बी.टी.एम./ए.टी.एम. व अन्य को निर्देशित किया कि कार्यशाला में जो जानकारी प्राप्त हुई है इसे संचालित की जाने वाली किसान पाठशाला के माध्यम से किसानों तक अवश्य पहुॅचायें। इससे किसान खेती के साथ-साथ कृषि आधारित अन्य उद्यम को अपनाकर अपनी आय को बढ़ाकर दोगुना कर सकेंगे।
इस अवसर पर जिले के प्रगतिशील कृषक शक्तिनाथ सिंह ने भी अपने अनुभव विभागीय अधिकारियों के साथ साझा कर उन्हें महत्वपूर्ण सुझाव दिये। प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिले के समस्त विकास खण्डों के क्षेत्रीय कर्मचारी व अन्य सम्बन्धित लोग मौजूद रहे।