लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने किसान कल्याणकारी योजनाओं का पूरी पारदर्शिता और प्रामाणिकता के साथ कार्यान्वयन किए जाने पर जोर देते हुए कहा है कि किसानों के हितों की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग की योजनाएं ऐसी होनी चाहिए, जो मात्र आंकड़ों की बाजीगरी न होकर व्यावहारिक धरातल पर खरी उतरें। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि वरिष्ठ अधिकारियों को लखनऊ छोड़कर जनपदों और ग्रामीण क्षेत्रों में योजनाओं की हकीकत जानने के लिए जाना होगा। वे स्वयं और उनके मंत्रिगण भी शीघ्र ही जमीनी हकीकत से रूबरू होने के लिए निरीक्षण पर निकलेंगे। निरीक्षण में गेहूं खरीद केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र व अस्पताल, प्राथमिक व अन्य विद्यालय, मण्डी परिषद आदि शामिल होंगे। शिथिलता पाए जाने पर सम्बन्धित अधिकारी की जवाबदेही तय होगी।
मुख्यमंत्री आज यहां शास्त्री भवन में कृषि विभाग के प्रस्तुतिकरण के अवसर पर अधिकारियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि अधिकारी प्रस्तुतिकरण के मौके पर पूरी तैयारी और जानकारी के साथ आएं। उन्होंने कहा कि कागजी खानापूर्ति और आंकड़ों की औपचारिकता से अब काम नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि किसानों की आय में वृद्धि कर उनके जीवन स्तर को ऊपर उठाया जाए। कृषि क्षेत्र के विस्तार के साथ-साथ फसल उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि हो, रोजगार के नए अवसरों के साथ कृषि विकास दर को गति मिले तथा कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों के बीच नई तकनीक का प्रचार-प्रसार हो।
श्री योगी ने कहा कि किसानों को गुणवत्तायुक्त कृषि निवेशों की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। फसलों के उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि हेतु योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाए। प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण, विकास एवं प्रबन्धन सुनिश्चित हो। कृषि उत्पादन में प्राकृतिक आपदाओं में होने वाली क्षतिपूर्ति हेतु फसल बीमा योजना का लाभ मिले। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से ज्यादा से ज्यादा किसानों को जोड़ा जाए। इसके लिए किसानों के बीच गोष्ठियां आयोजित कर जागरूकता पैदा की जाए।
मुख्यमंत्री ने कृषि विभाग के कार्यों और योजनाओं की समीक्षा भी की और कहा कि किसानों को समय से खाद और बीज की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। प्रामाणिक बीज उपलब्ध कराए जाएं। आधुनिक संचार तंत्र का प्रयोग करते हुए कल्याणकारी योजनाओं, नवीनतम कृषि तकनीकी, मौसम के पूर्वानुमान तथा खेती-किसानी के सम्बन्ध में जानकारी मोबाइल फोन, एम0एस0एम0, इण्टरनेट, काॅल सेण्टर एवं विभागीय कृषि पोर्टल आदि माध्यमों के द्वारा सहजता से किसानों तक पहुंचाई जाए। किसानों का आॅनलाइन पंजीकरण करते हुए पारदर्शी ढंग से बीज, कृषि रक्षा रसायनों, कृषि यंत्रों आदि अनुदान पर उपलब्ध कराए जाएं।
श्री योगी ने मिट्टी की जांच कराए जाने पर जोर देते हुए कहा कि जिन 45 जनपदों में स्वायल हेल्थ लैब नहीं हैं, उनमें प्राथमिकता के आधार पर प्रयोगशालाओं की स्थापना करते हुए सभी किसानों को स्वायल हेल्थ कार्ड (मृदा स्वास्थ्य कार्ड) उपलब्ध कराए जाएं। उन्होंने कहा कि जिन ग्रामीण क्षेत्रों में निर्बाध विद्युत आपूर्ति नहीं है या विद्युत उपलब्ध है, वहां पर सोलर सिंचाई पम्प अधिक से अधिक किसानों को मुहैया कराया जाए। साथ ही, खेती की लागत में कमी, आय में वृद्धि एवं पौष्टिक अन्न के उत्पादन की दिशा में प्रयास किए जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को फसली ऋण को माफ कर नई सरकार ने लोक कल्याण संकल्प पत्र के वादे को पूरा किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों की समृद्धि और बेहतरी के साथ-साथ कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्र लाभार्थियों तक पहुंचाने के लिए संकल्पबद्ध है। कृषि विभाग द्वारा संचालित सभी योजनाओं के अन्तर्गत किसानों को प्रदान की जाने वाली सेवाओं और सुविधाओं में पारदर्शिता हो। खेत तालाब योजना के तहत बुन्देलखण्ड क्षेत्र में नए खेत तालाबों के निर्माण को बढ़ावा दिया जाए। किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ समय से दिलाने के हर सम्भव प्रयास किए जाएं। इसके लिए बीमा कम्पनियों से समन्वय बनाया जाए।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य, डाॅ0 दिनेश शर्मा, कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही सहित मंत्रिमण्डल के अन्य सदस्य, मुख्य सचिव, कृषि उत्पादन आयुक्त एवं वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
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