नई दिल्लीः केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरट मामलों के मंत्री श्री अरुण जेटली ने आज संसद में आम बजट 2018-19 पेश करते हुए घोषणा कि की देश में ग्रामीण क्षेत्रों में जीविका के साधन, कृषि और संबद्ध कार्यकलापों और ग्रामीण आधारभूत सुविधाओं के निर्माण पर सरकार और अधिक धन राशि खर्च करेगी ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका के अधिक से अधिक अवसर उपलब्ध हो। वर्ष 2018-19 में ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका और आधारभूत सुविधाओं के सृजन के लिए मंत्रालयों द्वारा 14.34 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। इसमें 11.98 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त बजटीय और गैर-बजटीय संसाधन शामिल हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि खेती से जुड़े कार्यकलापों और स्व-रोजगार के कारण रोजगार के अलावा, इस खर्च से 321 करोड़ मानव दिवस के रोजगार, 3.17 लाख किलोमीटर ग्रामीण सड़कों, 51 लाख नए ग्रामीण मकानों, 1.88 करोड़ शौचालयों का सृजन होगा। उन्होंने बताया कि इससे कृषि को प्रोत्साहन मिलने के अलावा 1.75 करोड़ नए परिवारों को बिजली के कनेक्शन प्राप्त होंगे।
प्रधानमंत्री कृषि योजना- हर खेत को पानी के अंतर्गत भू-जल सिंचाई योजना को मजबूत बनाने के लिए यह सिंचाई से वंचित 96 जिलों में शुरू होगी इसके लिए 2600 करोड़ रुपये का आबंटन किया गया है।
वित्त मंत्री ने बताया कि महिलाओं की स्व-सहायता समूह को ऋण को पिछले वर्ष के मुकाबले 37 प्रतिशत बढ़ाकर वर्ष 2016-17 में लगभग 42,500 करोड़ रुपये किया गया। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार को आशा है कि मार्च 2019 तक स्व-सहायता समूहों की ऋण राशि बढ़ाकर 75,000 करोड़ रूपये कर दी जाएगी। 2018-19 में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका कार्यक्रम के आबंटन को पर्याप्त रूप से बढ़ाकर 5750 करोड़ रूपये किया गया है।
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