नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों पर केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने तमिलनाडु में तिरूवनंतपुरम एवं केरल में कन्याकुमारी के बीच रेल लाइन के विद्ययुतीकरण सहित दोहरीकरण परियोजना के निर्माण को मंजूरी दे दी है।
रेल लाइन की कुल लम्बाई 86.56 किलोमीटर होगी। परियोजना की अनुमानित लागत 1431.90 करोड़ होगी तथा पूर्णता लागत वार्षिक पांच प्रतिशत वृद्धि के साथ 1552.94 करोड़ होगी।
इस परियोजना के 2020-21 तक चार वर्षों में पूरी हो जाने की उम्मीद है। यह परियोजना 20.77 लाख श्रम दिवसों के लिए निर्माण के दौरान प्रत्यक्ष रोजगार का सृजन करेगी।
यह परियोजना न केवल माल एवं कोचिंग रेल गाडि़यों के संचालन में गति प्रदान करेगी बल्कि भविष्य में यातायात में वृद्धि की पूर्ति के लिए अतिरिक्त क्षमता भी मुहैया कराएगी।
पृष्ठभूमि :
इस खंड पर बड़ी संख्या में यात्री यात्रा करते हैं और यह नजदीकी बंदरगाहों से मालों की ढुलाई का उद्देश्य भी पूरा करता है विझिनजाम बंदरगाह से संचालन के 2019 से आरंभ हो जाने की उम्मीद है और इसका 30 फीसदी प्रवेश यातायात रेल द्वारा होने की उम्मीद है। इस मार्ग के तिरूवनंतपुरम- नगरक्वॉयल खंड की वर्तमान परिचालन क्षमता पहले ही संतृप्त हो चुकी है जिससे कन्याकुमारी एवं चेन्नई की दिशा में जाने वाली रेलगाडि़यों का परिचालन बहुत अधिक प्रभावित होता है। इस मार्ग की परिचालन क्षमता को बढ़ाए जाने की आवश्यकता है जिससे कि अतिरिक्त रेलगाडि़यों की मागों को पूरा किया जा सके एवं इस मार्ग के जरिए गाडि़यों की आवाजाही सुगम हो सके। इस प्रकार, तिरूवनंतपुरम एवं कन्याकुमारी मार्ग का दोहरीकरण किए जाने की आवश्यकता है।