लखनऊ: गन्ना विकास विभाग में निर्माण कार्यों की पारदर्शी प्रक्रिया को और प्रभावी बनाने के लिए ई-निविदाओं में राज्य/केन्द्र सरकार के विभागों में पंजीकृत ठेकेदारों को भी भागीदारी का अवसर प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। इससे अन्तर्ग्रामीण सड़कों के नव-निर्माण, गड्ढामुक्ति, सुदृढीकरण/पुनर्निर्माण कार्यों हेतु पी.डब्लू.डी. व विभाग में पंजीकृत ठेकेदारों के अतिरिक्त अन्य विभागों के ठेकेदारों की भी प्रतिभागिता से प्रतिस्पर्धा बढ़ने के कारण निर्माण कार्य सम्पन्न कराये जाने में धन और समय की बचत होगी। साथ ही उच्च गुणवत्ता भी सुनिश्ति की जा सकेगी।
यह जानकारी प्रदेश के गन्ना एवं चीनी आयुक्त, श्री संजय आर. भूसरेड्डी ने आज यहां दी। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2017-18 के अन्तर्गत प्रदेश में विभिन्न निर्माण कार्यों हेतु आमंत्रित निविदाओं में इस व्यापक प्रतिस्पर्धा के फलस्वरूप लगभग 20.64 करोड़ रुपये के राजस्व की बचत हुई है, जिससे विभाग 91.77 किमी. लम्बाई की 84 नई सड़कों का निर्माण कर सकेगा। उन्होंने बताया कि बढ़ी हुई प्रतिस्पर्धा से न सिर्फ गन्ना बाहुल्य क्षेत्रों में यातायात की व्यवस्था में सुधार होगा, बल्कि गन्ना आपूर्ति हेतु गन्ना कृषकों को भी आसानी होगी।
उल्लेखनीय है कि गन्ना विकास विभाग में भी ई-टेण्डरिंग प्रणाली लागू की जा चुकी है। विभाग की टेण्डरिंग प्रक्रिया में प्रतिभाग करने हेतु केवल गन्ना विभाग एवं लोक निर्माण विभाग के पंजीकृत ठेकेदार अधिकृत थे। ई-निविदा में शत-प्रतिशत पारदर्शिता एवं स्वस्थ स्पर्धा कराये जाने के उद्देश्य से समस्त प्रकार के निर्माण कार्य हेतु आमंत्रित की जाने वाली ई-निविदाओं में विभाग के साथ-साथ राज्य/केन्द्र सरकार के समस्त राजकीय विभागों में सड़क/भवन निर्माण कार्यों हेतु विभिन्न समतुल्य श्रेणी के पंजीकृत ठेकेदारों को भी गन्ना विभाग में सड़क/भवन निर्माण कार्यों हेतु ई-निविदा प्रक्रिया में शामिल करने हेतु अधिकृत किया जा चुका है।