नई दिल्ली: मैं प्रारंभ में ही आप सभी को धन्यवाद देना चाहूंगा कि आपने पिछले तीन दिनों को ऊर्जा के दिन बना दिए और अपने विचारों से ओत-प्रोत कर दिया। सेराविक आयोजन भारत में करने का विचार इस वर्ष ह्यूस्टन में आयोजित सेराविक में डॉ. डेनियल येरजिन से मुलाकात के दौरान आया। इस्तांबूल में आयोजित विश्व पेट्रोलियम कांग्रेस में हमारी मुलाकात से इसे मजबूत आकार मिला। मैं समझता हूं कि सेराविक ने 36 वर्षों के अपने गौरवशाली इतिहास में पहली बार ह्यूस्टन छोड़ा है। मैं विश्व के अग्रणी हाइड्रोकार्बन विशेषज्ञ और चिन्तक डॉ. येरजिन का आभारी हूं, क्योंकि उन्होंने क्षेत्रीय सम्मेलन के रूप में सेराविक को भारत लाने के विचार पर तत्पर रूप से सहमति दी।
पिछले कुछ दिनों में हुए विचार-विमर्श से मुझे और मंत्रालय में मेरे सहयोगियों को भारत के ऊर्जा भविष्य के लिए नए संकल्प के साथ काम करने का उत्साह मिला है।
पिछले तीन दिन नए और ऊर्जावान भारत की यात्रा के बारे में महत्वपूर्ण रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी कल विश्व के जाने-माने कुछ विशेषज्ञों और तेल तथा गैस क्षेत्र के नेताओं से मिले और भारत में ऊर्जा क्षेत्र को लेकर विचारों का आदान-प्रदान किया। अनेक लोगों ने मुझे कहा कि रोसनेफिट के इगोर सेचिन, एरैम्को के अमीन नासिर और बीपी के बॉब ड्यूडले को एक कमरे में देखने का अनोखा अवसर मिला। बैठक में अनेक वैश्विक विशेषज्ञों और निवेशकों ने मूल्यवान जानकारी दी और प्रधानमंत्री ने वंचित लोगों को स्वच्छ किफायती और सतत ऊर्जा प्रदान करने के संकल्प को दोहराया।
प्रधानमंत्री की बैठक एकीकृत ऊर्जा नीति के लिए आवश्यक है। उन्होंने सात घोड़ों वाले रथ पर सवार भगवान सूर्य का मिथक उदाहरण दिया। वास्तव में उन्होंने संकेत दिया कि भारत को अपनी बढ़ती ऊर्जा आवश्यकताओं के लिए सभी तरह की उचित ऊर्जा की आवश्यकता होगी।
आज हमने अपने मंत्रालय के अंतर्राष्टीय थींक टैंक की पहली बैठक का आयोजन किया और नए भारत के लिए ऊर्जा के नए मंच को लांच किया। मैं इस थींक टैंक की सदस्यता स्वीकार करने के लिए डॉ. येरजिन का आभारी हूं। निवेशकों, तेल क्षेत्र विशेषज्ञों, ऊर्जा अर्थशास्त्रियों तथा नीति विशेषज्ञों ने ज्ञानवर्द्धक चर्चा की।
सेराविक इंडिया एनर्जी फोरम का पहली बार ह्यूस्टन से बाहर उद्घाटन किया गया है। पिछले दो दिनों में तेल और गैस क्षेत्र के वैश्विक विशेषज्ञों ने भविष्य के तेल और गैस उद्योग, ऊर्जा बाजार, वैश्विक ऊर्जा परिदृश्य में परिवर्तन, आधुनिक टैक्नोलॉजी को अपनाने तथा नवीकरणीय ऊर्जा अपनाने जैसे विषयों पर चर्चा की।
रविवार को विश्व की सबसे बड़ी तेल और गैस कंपनी के सीईओ श्री अमीन एच नासेर के साथ साऊदी एरैम्को कार्यालय के उद्घाटन का मौका मिला।
सरकार के पिछले 40 महीनों में हमने ऊर्जा पहुंच, ऊर्जा सक्षमता, सतत ऊर्जा तथा ऊर्जा सुरक्षा के बारे में प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप अनेक नीतिगत कार्यक्रम शुरू किए हैं।
हमारी सरकार की विकास नीति के केंद्र में ऊर्जा है। मैं यहां दो उदाहरण देना चाहूंगा, पहला, पीएम उज्जवला योजना के माध्यम से स्वच्छ रसोई ईंधन की पहुंच बढ़ाने पर बल दे रहे हैं। पिछले 15 महीनों में हमने 30 मिलियन परिवारों को एलपीजी कनेक्शन दिया है। दूसरा, हमने अगले 15 महीनों में 40 मिलियन बिजली से वंचित परिवारों को बिजली देने का लक्ष्य तय किया है। यह सरकार के ऊर्जा फोकस तथा भारतीय ऊर्जा बाजार की इच्छा को दिखाता है।
हमारी ऊर्जा क्रांति भौगोलिक क्रांति भी है। जब मैं भारत के नासा नाइट मैप को देखता हूं तो मुझे एक ऐसा भारत दिखाई देता है जिसे पूर्व में अधिक प्रकाश की जरूरत है। विकास और ऊर्जा हमारे देश में पूर्व की अपेक्षा पश्चिम में अधिक तेजी और प्रभावशाली ढंग से पहुंची है। हमारी सरकार और मेरा मंत्रालय नई पाइप लाइनों, एलएनजी टर्मिनलों और नई अपतटीय गैस विकास परियोजनाओं के माध्यम से ऊर्जा के बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित करके इस स्थिति को बदल रहे हैं। हम ऐसा पूरे भारत में लोगों के जीवन और अभी समृद्धि में सुधार लाने के लिए कर रहे हैं।
दोस्तों, आईएचएस मार्किट ने दुनिया भर में 25 बेसिनों को “सुपर बेसिन” का नाम दिया है। जिनमें रिकवरी योग्य संसाधनों के समतुल्य 5 बिलियन बैरल तेल बकाया है। आज मैं उद्योग को चुनौती देता हूं कि वह हमारे केंबे या केजी बेसिन को सुपर बेसिन सूची में पूर्वोत्तर में स्थापित करे। अगर पेर्मियन बेसिन, वर्ष 2000 में नए तेल के लिए अधिक परिपक्व होने के बाद 2010 तक शानदार पुनरुत्थान प्राप्त कर सकता है तो नई प्रौद्योगिकी और नई उद्यमिता परमियन में भारतीय सुपर बेसिन का भी सृजन कर सकती है। अगर अमेरिका शेल क्रांति के बाद एक बार फिर तेल निर्यातक देश बन सकता है, तो भारतीय उद्योग को ऐसा करने से कौन रोक सकता है? एक उद्योग के रूप में आपके लिए यह मेरी चुनौती है!
जब हम भारत में ऊर्जा के नए स्रोतों की खोज करते हैं, तो हमें जागरूक होना चाहिए। हमारा जनादेश सभी के लिए ऊर्जा है और प्रधान मंत्री मोदी ने वैश्विक विद्युतीकरण के लिए दिसंबर, 2018 से मार्च, 2019 तक लक्ष्य का निर्धारित किया है।
ऊर्जा स्रोतों की विविधता के माध्यम से सुरक्षा एक अन्य मुख्य जनादेश है हम अमेरिका से कच्चा तेल और एलएनजी का आयात कर रहे हैं। अमेरिकी कच्चे तेल की पहली कार्गो 2 अक्टूबर को पारादीप बंदरगाह पहुंची।
हम गैस और नवीकरणीय ऊर्जा और ऊर्जा भंडारणों को मिलाकर अपनी विद्युत उत्पादन में विविधता लाने के लिए नए व्यवसाय मॉडल की तलाश कर रहे हैं। हम अपने वाहनों के बेड़े में विविधता लाएंगे और आधुनिक ईंधन विनिर्देश, विद्युत वाहनों और अन्य विकल्पों जैसे सीएनजी और एलएनजी के माध्यम से इन्हें अधिक निपुण और स्वच्छ बनाएंगे। हमारा मेक इन इंडिया अभियान भारत की विनिर्माण शक्ति का प्रतीक बढ़ता है। जीडीपी में हमारी ऊर्जा की तीव्रता बढ़ने की संभावना है। जिससे एक विविध और स्वच्छ ऊर्जा का मिश्रण अधिक महत्वपूर्ण होगा।
इस सेराविक भारतीय ऊर्जा मंच के महत्व और विकास की राह पर लौटते हुए उन्होंने कहा कि डॉ. येर्गिन के साथ मेरी यात्रा 2014 में मॉस्को से शुरू हुई जब मैं विश्व पेट्रोलियम कांग्रेस के अवसर पर उनसे मिला था। हमने तब ऊर्जा के अंतर्राष्ट्रीय विश्व के बारे में चर्चा की थी, जो विश्व के गहरी, जटिल और दीर्घकालीन संबंधों की दुनिया है। मुझे पिछले माह ह्यूस्टन में सेराविक में भाग लेने का अवसर मिला था। मुझे अब विश्वास है कि हमें नवीनतम विचारों और प्रौद्योगिकी के पूर्व की ओर प्रवाह को गति देने की आवश्यकता है। भारत में सेराविक का आयोजन विश्व ऊर्जा प्रणाली में एशियाई देशों की दिशा में बढ़ाया गया कदम सही जगह ले रहा है। आने वाले दशक में सेराविक के दो गुरुत्वाकर्षण केंद्रों को देख रहा हूं – पश्चिम में ह्यूस्टन में और पूर्व में भारत। भारत और एशिया के बाकी हिस्सों के महत्व और प्रभाव के रूप में, एक दिवस आयेगा जब भविष्य की पीढ़ियां पश्चिमी और पूर्वी ऊर्जा विचारों और प्रौद्योगिकियों के प्राप्त करने के लिए मिलेंगी।
कौशल विकास उद्यमिता के अतिरिक्त प्रभार के साथ मैं अपने युवा जनों और तेजी से विकसित हो रहे भारत में कौशल विकास और उद्यमशीलता की भावना को प्रज्वलित करने के लिए ऊर्जा के क्षेत्र के अभिसरण और शक्तियों के कई बिंदुओं को देख रहा हूं।
मैं आप सब को अपनी सक्रिया भागीदारी द्वारा इस आयोजन को अत्यंत सफल बनाने के लिए तहे दिल से धन्यवाद देता हूं। मुझे विश्वास है कि हम अपने सभी पारस्परिक हितों के लिए मिलकर काम करने में समर्थ होंगे।