लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने चिकित्सक समुदाय से आह्वान किया है कि समाज के अन्तिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य व चिकित्सा सुविधाओं को पहुंचाने के प्रयास करें। उन्होंने कहा कि स्वस्थ नागरिक ही राष्ट्र की समृद्धि और उसके निर्माण में अहम भूमिका निभा सकता है। उन्होंने चिकित्सकांें और चिकित्सा शिक्षा संस्थानों को तकनीक और शोध के स्तर पर देश-दुनिया में हो रही प्रगति के साथ जुड़ने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में परम्परा के साथ-साथ आधुनिक और नई तकनीक को अपनाते हुए आगे बढ़ने की दिशा में कार्य होना चाहिए। चिकित्सक को आम मरीजों के प्रति संवेदनशीलता और सहानुभूति का व्यवहार करना चाहिए। साथ ही, उन्हांेने कहा कि के0जी0एम0यू0 को एम्स की तर्ज पर विकसित किए जाने के सम्बन्ध में प्रयास किए जाएं, जिसमें राज्य सरकार सहयोग करेगी।
मुख्यमंत्री आज यहां किंग जाॅर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (के0जी0एम0यू0) के ट्राॅमा सेण्टर में नव स्थापित 56 वेंटिलेटरों के लोकार्पण समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ट्राॅमा सेण्टर में स्थापित किए जाने वाले 56 नए वेंटिलेटर महत्वपूर्ण जीवन रक्षक उपकरण हैं, जिनसे गम्भीर मरीजों के इलाज में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि के0जी0एम0यू0 की तमाम उपलब्धियों और सुविधाओं के तहत इन वेंटिलेटर्स से एक नई कड़ी जुड़ेगी। इसके लिए उन्होंने के0जी0एम0यू0 को बधाई देते हुए उम्मीद जतायी कि आने वाले समय में प्रदेश के नागरिकों को अच्छी सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में इस प्रकार के प्रयास जारी रहेंगे।
श्री योगी ने के0जी0एम0यू0 को प्रदेश का ही नहीं, बल्कि देश का एक महत्वपूर्ण चिकित्सा संस्थान बताते हुए कहा कि इस विश्वविद्यालय से बड़ी संख्या में ऐसे चिकित्सक निकले हैं, जो अपने-अपने क्षेत्रों में प्रतिष्ठित हुए हैं और अपनी प्रतिभा की बदौलत संस्थान का नाम रोशन कर रहे हैं। इस सन्दर्भ में उन्होंने मेदान्ता हाॅस्पिटल की चर्चा करते हुए कहा कि वहां की टीम के अधिकतर सदस्य के0जी0एम0यू0 से जुड़े रहे हैं। उन्होंने कहा कि के0जी0एम0यू0 देश की आवश्यकता के अनुरूप चिकित्सा शिक्षा के उन्नयन के लिए बेहतर प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल की चिकित्सा व्यवस्था में भी के0जी0एम0यू0 का बेहतरीन योगदान रहा है।
प्रदेश व देश के अन्दर चिकित्सकों की कमी की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए इस कमी को पूरा करना होगा। उन्होंने कहा कि सभी सरकारों के लिए यह चिन्ता का विषय होना चाहिए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण और दूर-दराज के इलाकों और छोटे कस्बों में योग्य चिकित्सकों की कमी है। चिकित्सकों का आकर्षण शहरों और सुविधाओं की तरफ रहता है, जिनसे उन्हें निजात पाना होगा। उन्हें यह सोचना चाहिए कि जिस समाज और देश ने उन्हें चिकित्सक बनाने में मदद की है, वे उस समाज को क्या दे रहे हैं। इस सन्दर्भ में उन्होंने कहा कि पढ़ाई पूरी करने के बाद चिकित्सकों को 2 या 3 साल ग्रामीण या दूर-दराज के क्षेत्रों में स्वतः स्फूर्त रूप से अपनी सेवाएं प्रदान करनी चाहिए।
श्री योगी ने कहा कि आबादी के लिहाज से न तो चिकित्सा शिक्षा संस्थान हैं और न ही शिक्षक। राज्य सरकार का यह प्रयास होगा कि आने वाले 5 वर्षों में 25 मेडिकल काॅलेज स्थापित किए जाएं। साथ ही, प्रदेश के 6 क्षेत्रों में एम्स स्तर के संस्थान भी स्थापित हों। इस सन्दर्भ में उन्होंने गोरखपुर में स्थापित किए जाने वाले एम्स की चर्चा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से इसके निर्माण की कार्यवाही प्रारम्भ हो चुकी है। उन्होंने कहा कि मेडिकल काॅलेजों को फैकल्टी और स्टाफ की पर्याप्त संख्या उपलब्ध कराना भी एक चुनौती है, जिसके समाधान का हर सम्भव प्रयास राज्य सरकार करेगी। उन्होंने कहा कि लोक कल्याण संकल्प पत्र-2017 में स्वास्थ्य व चिकित्सा के क्षेत्र में किए गए वादों को भी नई सरकार पूरा करेगी।
श्री योगी ने चिकित्सकों को नैतिक रूप से मरीजों के हित में काम किए जाने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि रोगियों को अनावश्यक जांचें तथा दवाइयां न लिखकर संस्थान में उपलब्ध संसाधनों का समुचित उपयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों को यह भी देखना चाहिए कि मरीजों को सस्ती दवाएं व जांचें कम खर्च में उपलब्ध हों। इस सन्दर्भ में उन्होंने एंजियोप्लास्टी की चर्चा करते हुए कहा कि पहले इसका खर्च सवा लाख रुपए से तीन लाख रुपए तक आता था, जिसमें स्टंेट की भारी कीमत होती थी। अब स्टेंट की कीमत 7 हजार रुपए से लेकर 30 हजार रुपए के बीच है। ऐसा केन्द्र सरकार के प्रयासों से सम्भव हो सका है।
समाज के गरीबों और कमजोर तबकों के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन तक स्वास्थ्य व चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराना हम सबकी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार प्रदेश के नागरिकों को सर्वसुलभ और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए कृतसंकल्पित है। उन्होंने कहा कि प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सकों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए।
श्री योगी ने कहा कि नए-नए उपकरणों को लगाना जितना महत्वपूर्ण है, उससे अधिक जरूरी है-उनका रख-रखाव और बेहतर उपयोग, जिसकी ओर ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि एक लम्बे समय तक उपकरणों को चालू हालत में रखे जाने का प्रयास किया जाना चाहिए। इसके साथ ही, सरकारी संस्थानों को मिलने वाले बजट का भी निर्धारित समयावधि के अन्दर सदुपयोग हो। मुख्यमंत्री ने साफ-सफाई और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता उत्पन्न किए जाने पर जोर देते हुए कहा कि इनके कारण कई बीमारियों से छुटकारा मिल सकता है। उन्होंने एक्यूट इंसेफ्लाईटिस तथा वेक्टर बाॅर्न डिजीज के प्रति जागरूकता उत्पन्न किए जाने की आवश्यकता जतायी। उन्होंने कहा कि मेडिकल काॅलेजों में पाठ्यक्रमों की समानता पर भी विचार किया जाना चाहिए।
इसके पूर्व, समारोह का शुभारम्भ मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। मुख्यमंत्री को इस अवसर पर के0जी0एम0यू0 के उप कुलपति प्रो0 रविकान्त ने स्मृति चिन्ह् भी भेंट किया। प्रो0 रविकान्त ने के0जी0एम0यू0 की गतिविधियांे और चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों का विस्तृत ब्यौरा दिया। समारोह को चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री आशुतोष टण्डन, चिकित्सा शिक्षा अपर मुख्य सचिव सुश्री अनीता भटनागर जैन ने भी सम्बोधित किया।
इस मौके पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री सिद्धार्थनाथ सिंह, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ0 महेन्द्र सिंह, चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री श्री सन्दीप सिंह सहित चिकित्सक, मेडिकल छात्र-छात्राएं एवं मीडियाकर्मी उपस्थित थे।
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