लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि जननी और जन्मभूमि का कोई विकल्प नहीं होता है। इसीलिए सोने की लंका पर विजय प्राप्त करने के बाद भी भगवान राम विभीषण को लंका का राजा नियुक्त करने के उपरान्त अयोध्या वापस लौट आए। भगवान राम ने मातृशक्ति की रक्षा के लिए लंका विजय की और रावण का संहार किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्र धर्म ही हमारा प्रधान धर्म होना चाहिए। राष्ट्र के खिलाफ घात इस युग का सबसे बड़ा पाप है।
मुख्यमंत्री जी ने यह विचार आज यहां गोमतीनगर में आयोजित किए जा रहे श्री राम कथा महोत्सव को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि भगवान राम ने जो आदर्श प्रस्तुत किए, वे हम सब के लिए प्रेरणादायी हैं। राम कथा सनातन हिन्दू धर्म की कथा है। श्री राम के चरित्र में हम सब कुछ देख सकते हैं। उन्होंने कहा कि राम कथा का आयोजन देश के किसी न किसी हिस्से में प्रतिदिन होता है। श्री राम का सम्बन्ध हमारी हर सांस से है। जब तक राम कथा का श्रवण ऐसे ही होता रहेगा, भारतवर्ष उन्नति और प्रगति के रास्ते पर ऐसे ही बढ़ता रहेगा। भगवान राम की कृपा से कोई भी भारत का बाल भी बांका नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि भगवान राम की कृपा से भारत अजेय है।
योगी जी ने कहा कि भगवान राम ने मर्यादा का जो उदाहरण हमारे सामने प्रस्तुत किया, उसके पालन से सभी समस्याओं का निदान किया जा सकता है। आज जरूरत इस बात की है कि हम भगवान राम के आदर्शों पर चलते हुए जीवन जिएं।
मुख्यमंत्री जी ने इस अवसर पर जगद्गुरु रामानन्दाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके इस आयोजन से लखनऊ के लोगों को राम कथा सुनने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि स्वामी जी ने चित्रकूट में दिव्यांगों के लिए देश का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय स्थापित किया है, जिसमें विद्यार्थियों को शिक्षा मिल रही है। उन्होंने कहा कि स्वामी जी से प्रेरणा लेते हुए हम सब को लोक कल्याणकारी कार्यक्रमों से जुड़ना चाहिए। इस कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को धर्म के वास्तविक स्वरूप का एहसास हो रहा होगा।
कार्यक्रम को उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर भूतत्व एवं खनिकर्म राज्य मंत्री श्रीमती अर्चना पाण्डे तथा बड़ी संख्या में राम कथा प्रेमी मौजूद थे।