टाटा ग्रुप के चेयरमैन रतन टाटा ने टाटा मोटर्स कर्मचारियों से दोबारा लीडर बनने की तैयारी करने को कहा है. रतन टाटा ने कर्मचारियों की सालाना टाउनहॉल मीटिंग में कहा कि टाटा मोटर्स का मार्केट शेयर पिछले चार-पांच साल में गिरा है और देश ने टाटा मोटर्स को फेल कंपनी के तौर पर देखना शुरू कर दिया है. उन्हें यह देख कर दुख होता है.
कंपनी को नई ऊंचाई पर ले जाने की अपील
टाटा मोटर्स के शेयरों में गिरावट का जिक्र करते हुए रतन टाटा ने कहा पिछले चार-पांच साल में हमने जो बाजार हिस्सेदारी खोई है उससे मुझे दुख पहुंचा है. 2016-17 में टाटा मोटर्स रेवेन्यू 49,100 करोड़ रुपये था जो 2017-18 के मुकाबले 3.6 फीसदी ज्यादा था. लेकिन टैक्स के बाद हुआ घाटा कई गुना था. रतन टाटा ने कहा कि टाटा मोटर्स के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन और एमटी गुएंतर बुश्चेक भविष्य में कंपनी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का काम करते रहेंगे. उन्होंने कर्मचारियों से अपील की इस कंपनी को फिर ऊंचाई पर ले जाएं.
रतन टाटा ने टाटा मोटर्स से जुड़ीं अपनी यादें साझा करते हुए कहा,
‘ टाटा मोटर्स से जुड़ा होना गर्व की बात है… नए वाहन बनाना हो, पैसेंजर कार सेक्शन में उतरना हो या नया सिस्टम बनाना हो… ऐसा कुछ भी नहीं था जिसे हासिल करने के लिए हमने अपना सब कुछ नहीं झोंक दिया.
टाटा ने कहा, हमने अपनी बाजार हिस्सेदारी गंवा दी है. लोग टाटा मोटर्स को एक फेल कंपनी के तौर देख रह हैं. और मुझे यह देख कर दुख हो रहा है. टाटा मोटर्स को एक बार फिर शिखर पर पहुंचाने की कोशिश करनी चाहिए.
दरअसल भारतीय बाजार में टाटा मोटर्स मारुति और हुंडई को टक्कर देने में नाकाम तो रही ही है दूसरी अन्य कार कंपनियों से भी पीछे चल रही है. टाटा मोटर्स को सबसे बड़ा झटका इसके नैनो प्रोजेक्ट के फेल होने में लगा. दुनिया की सबसे सस्ती कार के तौर पर बाजार में लाई गई नैनो की बिक्री रफ्तार नहीं पकड़ सकी. (The Quint)