नई दिल्ली: ग्रामीण एवं दूरदराज के क्षेत्रों में ब्रॉडबैंड सेवाएं मुहैया कराने के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक प्रमुख परियोजना ‘भारतनेट’ अब सेवा प्रावधान चरण में प्रवेश कर गई है। 5 नवम्बर, 2017 तक 1,03,275 ग्राम पंचायतों में ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) कनेक्टिविटी सुनिश्चित कर ली गई है। यह 2,38,677 किलोमीटर क्षेत्र में फाइबर बिछाने से संभव हो पाया है। सम्पूर्ण कनेक्टिविटी में तेजी लाने के लिए शुरू किए गए अनेक प्रयासों की बदौलत 85,506 ग्राम पंचायतों में जीपीओएन उपकरण लगाया गया है। वहीं, दूसरी ओर 75,082 ग्राम पंचायतें सेवाएं प्रदान करने के लिए तैयार हैं।
डिजिटल इंडिया सरकार की प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में से एक है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण एवं दूरदराज के क्षेत्रों में डिजिटल सेवाएं प्रदान करना है। भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के गतिशील नेतृत्व में ग्रामीण भारत में किफायती ब्रॉडबैंड सेवाएं प्रदान करने के लिए ‘जितना आप उपयोग करेंगें, उतना ही कम भुगतान करेंगें’ के सिद्धांत के साथ एक नई आकर्षक एवं किफायती शुल्क संरचना निर्धारित की गई है। इस शुल्क (टैरिफ) संरचना के उन शुल्क दरों में प्रतिबिम्बित होने की आशा है, जो सेवा प्रदाताओं द्वारा उपभोक्ताओं से वसूला जाएगा।
प्रखंड (ब्लॉक) और ग्राम पंचायतों के बीच विषम बैंडविड्थ के लिए वार्षिक शुल्क दरें 10 एमबीपी तक के लिए 700 रुपये प्रति एमबीपी और 1 जीबीपी के लिए 200 रुपये प्रति एमबीपी तय की गई हैं। हालांकि, प्रखंड और ग्राम पंचायत के बीच सममितीय बैंडविड्थ के लिए वार्षिक शुल्क दरें 10 एमबीपी तक के लिए 1000 रुपये प्रति एमबीपी और 100 एमबीपी के लिए 500 रुपये प्रति एमबीपी तय की गई हैं। किसी भी मध्यवर्ती बैंडविड्थ के लिए शुल्क दरों की गणना समानुपातिक आधार पर की जाएगी।
इसके अलावा, एकल आवेदन के तहत ही 1000 ग्राम पंचायतों (जीपी) से ज्यादा और 25,000 जीपी तक बैंडविड्थ को ले जाने के लिए 5 से लेकर 25 फीसदी तक की छूट (डिस्काउंट) की पेशकश की गई है। इसके अतिरिक्त, प्रवेश संबंधी बाधाएं कम करने के लिए प्रखंड एवं ग्राम पंचायत के स्तर पर पोर्ट शुल्क माफ कर दिया गया है। सेवा प्रदाताओं और सरकारी एजेंसियों हेतु गहरे रंग के फाइबर के लिए वार्षिक शुल्क दर 2250 रुपये प्रति फाइबर प्रति किलोमीटर तय की गई है।
सरकार द्वारा इस तरह की पहल करने के बाद दूरसंचार सेवा प्रदाता भारतनेट कनेक्टिविटी का उपयोग करने के लिए आगे आए हैं। एयरटेल ने पट्टे (लीज) पर 1 जीबीपी कनेक्टिविटी लेने के लिए 10,000 जीपी में रुचि दिखाई है। वहीं, दूसरी ओर रिलायंस जियो, वोडाफोन और आइडिया क्रमश: लगभग 30000, 2000 एवं 1000 ग्राम पंचायतों में पट्टे पर 100 एमबीपी कनेक्टिविटी लेने की इच्छुक हैं। इन ग्राम पंचायतों में दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) द्वारा अपनी सेवाएं शुरू करने से ग्राम स्तर पर पारिस्थितिकी तंत्र को नई गति मिलने की आशा है जिससे निकट भविष्य में अधिक से अधिक ग्राम पंचायतों को कवर करना संभव हो पाएगा। इससे ग्रामीण भारत में ब्रॉडबैंड सुविधाओं को नई गति मिलेगी।