देहरादून: प्रदेश के सहकारिता, उच्च शिक्षा, दुग्ध विकास एवं प्रोटोकाॅल राज्यमंत्री(स्वतंत्र प्रभार) डाॅ0 धन सिंह रावत ने नई दिल्ली स्थित स्थानीय होटल द्वारा आयोजित “डिजिटल बिकमस् हृयूमन” थीम ¼Theme : When Digital Becomes Human½ पर आधारित ए बिजनेस-टेक्नोलाॅजी-लीडरशीप कांफ्रेस में प्रतिभाग करके, दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।
डाॅ0 रावत ने अपने सम्बोधन मंे कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में सूचना प्रोद्योगिकी की भूमिका अहम रही है। भविष्य में सभी कार्यकलाप चाहे किसी भी क्षेत्र के हो उनमें तकनीकी का प्रयोग सर्वाधिक होगा तथा शिक्षा, व्यवसाय एवं अन्य सभी क्षेत्रों में टेक्नोलाॅजी की आवश्यकता को देखते हुये व्यापक स्तर पर अपनाया जा रहा है। उन्होंनें कहा कि देश के भविष्य के लिये विज्ञान और टेक्नोलाॅजी के लिये ऐसे कार्यक्रम बहुत जरूरी है। उन्होनंे उत्तराखण्ड में भी टेक्नोलाॅजी-लीडरशीप से सम्बन्धित कार्यक्रमों करने का सुझाव दिया।
डाॅ0 रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार द्वारा उच्च शिक्षा के विकास के लिये अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। सबको शिक्षा, अच्छी शिक्षा उत्तराखण्ड सरकार का नारा है। उन्होनें बताया कि उत्तराखण्ड में महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों मंे शैक्षिक कैलेण्डर लागू किया गया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड शूरवीरों की भूमि है, छात्रों को प्रेरित करने के लिये महाविद्यालयों में शौर्य दीवार बनायी जा रही है व सभी काॅलेज में स्मार्ट क्लासेज और ई-लाइबे्ररी की स्थापना की जा रही है।
डाॅ रावत ने बताया कि उत्तराखण्ड राज्य में आर्थिक रूप से कमजोर विद्याथियों को प्रतियोगी परिक्षाओं की तैयारी के लिये सुपर-50 लाॅच किया गया है, जिसमें 50 विद्याथियों को यू0पी0एस0सी0 और पी0सी0एस0 की तैयारी कराई जा रही है। उन्होनेें कहा कि उत्तराखण्ड सरकार ने “सुपर-30” का संस्करण लांच किया गया है। जिसमें 30 छात्रों प्रतियोगी पररीक्षा में सफल रहे है। इसके अलावा काॅलेजों के छात्रसंघ में सांइस/कार्मस/कला संकायों के टाॅपर विद्यार्थियों को भी प्रतिनिधित्व देने को निर्णय लिया गया है। सभी महाविद्यालयों में राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत अनिवार्य किया गया है। उत्तराखण्ड राज्य में उच्च शिक्षा में डेªस-कोड लागू किया गया है। इसके अलावा काॅलेज में प्रधानमंत्री बीमा योजना के अन्तर्गत हर छात्र को बीमा करवाया जाता है। उत्तराखण्ड सरकार द्वारा हरिद्वार में तीन दिवसीय ज्ञान महाकुम्भ का आयोजन का निर्णय लिया गया है। डाॅ रावत ने कहा कि उच्चशिक्षा से युवा वर्ग के सामाजिक और सांस्कृतिक के लिये सूचना एवं तकनीक का महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा।