नयी दिल्ली: सड़क यातायात एवं राजमार्ग, नौवहन तथा रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री श्री मनसुख लाल मंडाविया ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि 30 जून, 2017 तक डीपीसीओ, 2013 के प्रावधानों का अनुपालन न करने के कारण दवा कंपनियों से 238.84 करोड़ रुपये वसूले गए हैं।
मंत्री महोदय ने सदन को बताया कि राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) द्वारा निर्धारित अधिकतम मूल्यों के बजाय जिन भी कंपनियों को अनुसूचित दवाओं को अधिक कीमत पर बेचते हुए पाया गया है, उनके खिलाफ औषधि (मूल्य नियंत्रण) आदेश, 2013 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की गई है। इसके अलावा कंपनियों पर ब्याज सहित अधिक वसूली गई रकम को वापस लेने की कार्रवाई की गई है। इसी तरह गैर अनुसूचित दवाओं पर खुदरा मूल्य से 10 प्रतिशत अधिक कीमत वसूलने के कारण ऐसी कंपनियों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई।
डीपीसीओ 2013 के विभिन्न प्रावधानों का पालन जिन दवा निर्माताओं ने नहीं किया, उनकी निगरानी के समय यह पाया गया है कि ‘नई औषधि’ से संबंधित प्रावधानों का अनुपालन नहीं किया जा रहा है। इसके अलावा कुछ दवा कंपनियों ने एनपीपीए से मंजूरी लेने से पहले ही ऐसी दवाओं को जारी कर दिया है। उन कंपनियों को प्रमाणित बैच के संबंध में निर्देश दिए गए हैं। उन्हें अगाह किया गया है कि वे खुदरा मूल्य के अनुसार उत्पाद उतारें।
8 comments