डोप टेस्ट में फेल होने के बाद महिला एथलीट प्रियंका पवार पर आठ साल का प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसी प्रतिबंध के साथ प्रियंका पवार का करियर लगभग खत्म माना जा रहा है। सोमवार को नाडा पैनल ने कड़े फैसले लेते हुए प्रियंका पवार पर आठ साल का बैन का लगाया। पिछले साल जून में हैदराबाद में आयोजित इंटर-स्टेट एथलेटिक्स चैंपियनशिप में प्रियंका को ड्रग्स का सेवन करने के आरोप में दोषी पाया गया था। इसके बाद से प्रियंका पर अस्थायी प्रतिबंध था।
गौरतलब है कि साल 2014 में इंचिओन में आयोजित एशियाई खेलों में प्रियंका पवार ने चार गुणा 400 मीटर रिले रेस में स्वर्ण पदक जीता था। लेकिन डोप टेस्ट में फेल होने के बाद वह रियो ओलंपिक में हिस्सा नहीं ले पायी थी। प्रियंका की जगह अश्विनी अकुंजी को एथलेटिक्स टीम में शामिल किया गया था।
बता दें, इससे पहले प्रियंका को 2011 में हुए डोप टेस्ट में पांच अन्य एथलीटों के साथ ‘एनाबोलिक स्टेरॉयड’ के लिए पॉजीटिव पाया गया था, जिसके बाद उन्हें दो साल के लिए निलंबित कर दिया गया था। उन्हें राष्ट्रीय शिविर में भी जगह मिली थी और इंचिओन में खेले गए एशियाई खेलों में भी शामिल किया गया था।
नाडा के नियम के तहत अगर कोई खिलाड़ी दो बार डोपिंग में पकड़ा जाता है, तो उस पर आठ साल से लेकर आजीवन बैन भी लगाया जा सकता है। इसके अलावा उस खिलाड़ी के सारे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मेडल भी जब्त कर लिए जाते हैं।