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तहसील व थाना दिवसों में इस प्रकार जन समस्याओं का निस्तारण सुनिश्चित किया जाए कि वे पूर्ण समाधान दिवस बन जाएं: मुख्यमंत्री

तहसील व थाना दिवसों में इस प्रकार जन समस्याओं का निस्तारण सुनिश्चित किया जाए कि वे पूर्ण समाधान दिवस बन जाएं: मुख्यमंत्री
उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने आगरा भ्रमण के दौरान एस0एन0 मेडिकल काॅलेज का निरीक्षण करने के उपरान्त, मलिन बस्तियों के सफाई कार्यों का भी निरीक्षण किया। साथ ही, उन्होंने ताज काॅरीडोर सहित अन्य विकास कार्यों का भी निरीक्षण किया। उन्होंने स्वच्छता कार्यक्रम की प्रगति के विषय में विस्तृत जानकारी ली। इसके उपरान्त उन्होंने कमिश्नरी सभागार में आगरा मण्डल के विकास कार्यों एवं कानून व्यवस्था की मण्डलीय समीक्षा भी की।

समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में तहसील व थाना दिवसों में इस प्रकार जन समस्याओं का निस्तारण सुनिश्चित किया जाए कि तहसील व थाना दिवस पूर्ण समाधान दिवस बन जाएं। आगे चलकर इन्हें मुख्यमंत्री हेल्प लाइन से भी जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि थानों पर एफ0आई0आर0 दर्ज की जाए। गलत एफ0आई0आर0 दर्ज होगी, तो सम्बन्धित व्यक्ति को संदिग्ध मानकर उसके विरुद्ध कार्यवाही की जाए, क्योंकि उसने प्रशासन का समय बरबाद किया है। इससे गलत लोगों को यह संदेश जाएगा कि गलत एफ0आई0आर0 कराने पर कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि किसी भी पीड़ित व्यक्ति को जाति और मजहब के आधार पर देखने का चश्मा बदलना होगा। पीड़ित के साथ किसी भी दशा में भेदभाव नहीं होना चाहिए। उसकी समस्या का तत्काल समाधान किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदाग्रस्त क्षेत्रों में प्रभावित लोगों के मध्य राहत वितरण समय से हो जाना चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए कि किसी भी दशा में एक सप्ताह के भीतर सम्बन्धित व्यक्ति को राहत मिल जाए। उन्होंने मण्डल में विद्युत आपूर्ति की समीक्षा के दौरान कहा कि यदि हाईटेंशन तार पेड़ों के बीच से जा रहा हो या नीचे लटक रहा हो तो उसे तत्काल ठीक कराया जाए। गरीबी रेखा के नीचे के लोगों को विद्युत कनेक्शन देने की व्यवस्था अभियान चलाकर पूरी की जाए।

श्री योगी ने कहा कि गेहूं क्रय केन्द्रों पर किसान को किसी प्रकार की परेशानी न हो। उसके बैठने व पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करें। इसके साथ ही, आर0टी0जी0एस0 के माध्यम से एक सप्ताह के भीतर समर्थन मूल्य धनराशि उसके खाते में पहंुच जाए। इसी प्रकार मनरेगा में काम करने वालों को समय से भुगतान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आगरा की मलिन बस्तियों में जल निकासी व पानी की व्यवस्था ठीक प्रकार से सुनिश्चित की जाए। साथ ही, वहां के लोगों के जीवन स्तर में सुधार हेतु योजनाबद्ध ढंग से कार्यक्रम बनाकर कार्यवाही की जाए। उन्होंने सख्त निर्देश दिए कि गंगा जल प्रोजेक्ट के अन्तर्गत जो बाधक बने उनके खिलाफ कठोर कार्यवाही कर योजना शीघ्रातिशीघ्र पूर्ण कराई जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि झोला छाप डाक्टरों पर रोक लगे तथा अवैध अल्ट्रासाउण्ड मशीन रखकर भ्रूण हत्या करने वालों के खिलाफ कार्यवाही की जाए। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि जननी सुरक्षा योजना की गहन समीक्षा करें तथा मण्डलीय बैठकों में भी मुख्य चिकित्साधिकारियों को बुलाकर इसकी समीक्षा की जाए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से अपेक्षा की कि वे लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने का भी बीड़ा उठाएं।

श्री योगी ने कहा कि आगरा सहित पूरे प्रदेश में पेयजल जैसी समस्या के निदान के लिए पैसे की कमी नही होने दी जाएगी। पूरे प्रदेश में कही भी पेयजल का संकट नहीं होना चाहिए। उन्होने तालाबों के निर्माण पर विशेष बल देते हुए कहा कि वृहद स्तर पर तालाबों और चेकडैम का निर्माण कराया जाए, जिससे पश्चिमी उत्तर प्रदेश को डार्क जोन होने से बचाया जा सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आगरा, मथुरा में पर्यटकों की सुरक्षा की दृष्टि से लपका तथा पण्डा प्रथा समाप्त होनी चाहिए तथा किसी भी दशा में पर्यटकों को परेशानी न होने दी जाए। उन्होंने प्रदेश में शहरों को स्वच्छ बनाने का निर्देश देते हुए कहा कि आगामी वर्षों में जब स्वच्छता के दृष्टिगत शहरांे की रेटिंग की जाए, तो उत्तर प्रदेश के कम से कम 50 शहर स्वच्छ शहर के रूप में आ जाएं। उन्होंने कहा कि कूड़ा सार्वजनिक स्थल पर न रखा जाए। उन्होंने खुले में शौचमुक्त अभियान (ओ0डी0एफ0) को प्रभावी रूप से चलाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही, ग्रामीण क्षेत्र में सफाई कर्मियों से युद्ध स्तर पर अभियान चलाकर सफाई कार्य कराया जाए व चूने आदि का भी छिड़काव किया जाए।

श्री योगी ने कहा कि केन्द्रीय योजनाओं का कार्य रुकना नहीं चाहिए। संवाद बनाकर हर स्तर पर समस्याओं का निदान किया जाए। उन्होंने कहा कि धरना प्रदर्शन सहित किसान आन्दोलन की दशा में उनसे संवाद स्थापित कर समस्याओं का निदान त्वरित गति से किया जाए। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि मण्डी समिति में चोरी न होने पाए तथा किसी स्तर पर किसी का उत्पीड़न न हो।

मुख्यमंत्री ने कानून व्यवस्था की समीक्षा करते हुए कहा कि मण्डल व जनपदों में एक भी अवैध बूचड़खाना मौजूद नहीं होना चाहिए तथा जांच करके यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि मानक पूरा करने वाली लाइसेंसी मीट की दुकानें ही संचालित हों। मीट की दुकानों का मानक पूरा करने पर ही लाइसेंस दिए जाएं और मा0 उच्चतम न्यायालय व एन0जी0टी0 के निर्देशों का अक्षरशः पालन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने गो-तस्करों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिए। उन्होंने सरकार की प्राथमिकताओं का उल्लेख करते हुए कहा कि कानून व्यवस्था की स्थिति सुदृढ़ हो। अपराधियों से जुड़े पुलिस कर्मियों पर कार्यवाही की जाए। प्रदेश के सभी थाने इस प्रकार पब्लिक फ्रैण्डली हों कि आम जनता उनसे अपनी बात कह सके। थाने पर उपलब्ध पुलिस जन का व्यवहार आम जनता के प्रति ठीक हो और उनकी समस्याओं का त्वरित निस्तारण किया जाए। उन्होंने कहा कि अपराधी तो अपराधी होता है, अपराधियों का चेहरा देखकर कार्यवाही न हो, बल्कि सभी अपराधियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाए। किसी के प्रति अन्याय न होने पाए तथा विद्वेष की भावना से कार्यवाही न हो। खनन, भू तथा वन माफिया व हिस्ट्रीशीटर अवैध गतिविधियां संचालित न करने पाएं। आगरा-लखनऊ एक्सपे्रेस वे पर कहीं भी कोई घटना न होने पाए।

श्री योगी ने कहा है कि लोक निर्माण विभाग एवं अन्य विभागों में ठेकों पर कराए जा रहे कार्यों के लिए ठेका किसी भी अधिकारी/कर्मचारी के रिश्तेदार एवं आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति को न दें। ठेकों को ऐसे व्यक्ति को दें जो गुणवत्ता के साथ-साथ समय पर कार्य पूरा करे। उन्होंने सड़क निर्माण की सभी कार्यदायी संस्थाओं से उनके कार्य की विस्तृत जानकारी लेते हुए सख्त निर्देश दिए कि सभी सड़कें 15 जून तक हर हालत में गड्ढा मुक्त की जाएं अन्यथा उनके विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता सुधारने के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि सर्वप्रथम विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए। विद्यालयों में शिक्षकों के फोटो भी लगा दिए जाएं, जिससे यह निश्चित हो कि जो शिक्षक बच्चों को पढ़ा रहे हैं, वह विद्यालय के वास्तविक शिक्षक हैं। उन्होंने सरकारी स्कूलों की शिक्षा में गुणवत्ता बढ़ाने के लिए कहा कि प्रत्येक अधिकारी/कर्मचारी एक सरकारी विद्यालय को गोद ले, ताकि शिक्षा में क्रान्तिकारी परिवर्तन आए। उन्होंने सभी शिक्षा अधिकारियों को निर्देश देेते हुए कहा कि सभी विद्यालयों में ड्रेस, बैग, किताबें हर हालत में समय से उपलब्ध कराई जाएं।

श्री योगी ने स्वच्छता अभियान को युद्धस्तर पर चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी कार्यालयों में सफाई व्यवस्था का विशेष ध्यान दिया जाए। प्रत्येक कार्यालय व स्कूल में एक दिन स्वच्छता अभियान चलाया जाए। साथ ही, प्रत्येक कार्यालय में पान, गुटखा एवं धूम्रपान के प्रयोग को प्रतिबंधित किया जाए। इसके साथ ही, विभिन्न समारोहों में प्रयोग में लाए गए प्लास्टिक व थर्माेकोल को नाली में फेंकने पर जुर्माना किया जाए। उन्होंने प्लास्टिक तथा पाॅलीथीन उपयोग पर प्रतिबन्ध लगाने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन की दृष्टि से आगरा और मथुरा अधिक महत्वपूर्ण हैं। इनको स्वच्छ रखने की आवश्यकता है, जिससे दोनों जिलों के पर्यटन विकास को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिए कि बरसात से पूर्व नालों की सफाई करा दी जाए और उनकी सिल्ट को तुरन्त हटवा दिया जाए, जिससे पानी भराव की समस्या उत्पन्न न हो।

इससे पूर्व, मुख्यमंत्री ने खेरिया एयरपोर्ट पहुंचने के उपरान्त सीधे राजामण्डी स्थित एस0एन0 मेडिकल काॅलेज का आकस्मिक निरीक्षण किया और मरीजों का हालचाल पूछा। उन्होंने ताज काॅरीडोर का भी निरीक्षण किया। इसके निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने उन्हें बताया कि ताजमहल व लालकिले के मध्य यमुना से लगी 100 एकड़ सरकारी जमीन का सौन्दर्यीकरण करके इसे बहुआयामी क्षेत्र बनाया जा सकता है। उन्होंने जिलाधिकारी से भी वहां की स्थिति की जानकारी ली। जिलाधिकारी ने बताया कि यमुना पर चेकडैम की आवश्यकता है, जिसके लिए पहले धनराशि स्वीकृत हुई थी, किन्तु उस धनराशि को और बढ़ाने की जरूरत है।

मुख्यमंत्री ने छोटा उखर्रा क्षेत्र में बाल्मीकी बस्ती का भी निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस मलिन बस्ती से पानी निकास की व्यवस्था की जाए। साथ ही, सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए।

बैठक में पूर्व केन्द्रीय मंत्री प्रो0 रामशंकर कठेरिया, ऊर्जा मंत्री श्री श्रीकांत शर्मा, दुग्ध विकास मंत्री श्री लक्ष्मीनारायन चैधरी, पशुधन मंत्री प्रो0 एस0पी0 सिंह बघेल, ग्राम्य विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ0 महेन्द्र सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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