नई दिल्ली: दुर्घटनाओं के संबंध में मुआवजे के दावों के निपटारे के लिए दूरसंचार विभाग ने दिशा-निर्देश तैयार किए हैं। ये दिशा-निर्देश विभाग और उसके सार्वजनिक उपक्रमों पर लागू होंगे। पीड़ितों के परिवार वालों को बिना अदालतों के हस्तक्षेप के मुआवजों का भुगतान सीधे संबंधित अधिकारियों के जरिये किया जाएगा। दिशा-निर्देश एक दिसंबर, 2016 से प्रभावी होंगे।
दिशा-निर्देशों के तहत मृत्यु होने पर या स्थायी विकलांगता (जिसमें दोनों अंगों का नुकसान शामिल है) की स्थिति में 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। इसके अलावा इस विभाग और इससे संबंधित सार्वजनिक उपक्रमों में होने वाली जनसेवा के दौरान तथा रखरखाव, संचालन इत्यादि के दौरान होने वाली गैर-इरादतन और अप्रत्याक्षित चोट लगने की स्थिति में अगर अन्य प्रकार की स्थायी विकलांगता पैदा होती है, तब 7 लाख रुपये मुआवजा दिया जाएगा। यह मुआवजा विभिन्न कल्याण कारी कानूनों के तहत मुआवजे के मौजूदा प्रावधानों के अतिरिक्त देय होगा।
दावों को प्राप्त करने और उनके निपटारे के लिए एक कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी या उसके समकक्ष को अधिकार दिया गया है। मुआवजा दिशा-निर्देशों में प्रक्रियाओं के अनुसार होगा और उन्हें 30 दिनों के अंदर निपटाना जरूरी होगा। यदि पीड़ित (स्थायी विकलांगता से ग्रस्त व्यक्ति या दुर्घटना में मृत) कोई आवेदन नहीं देता है या पीड़ित के आश्रितों की तरफ से भी कोई आवेदन प्राप्त नहीं होता है, तो ऐसी स्थिति में संबंधित अधिकारी दुर्घटना की जांच रिपोर्ट के आधार पर स्वयं कार्रवाई करने में सक्षम होगा। विस्तृत दिशा-निर्देशों को विभाग की वेबसाइट www.dot.gov.in. से डाउनलोड किया जा सकता है।