नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा स्वच्छता के आह्वान पर विभिन्न राज्यों के लाखों लोगों ने स्वच्छता के लिए श्रमदान किया है। आज का दिवस सेवा दिवस के रूप में मनाया गया। 15 सितंबर, 2017 से स्वच्छता ही सेवा अभियान का शुभारंभ किया गया है। इस अभियान के तहत सभी वर्गों के लोग स्थानों पर शौचालय निर्माण करवा रहे हैं। देशभर में बस स्टैंड, मंदिर, रेलवे स्टेशनों, प्रतिमाओं, सड़क और गलियारों की सफाई की जा रही है।
केंद्रीय पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री सुश्री उमा भारती ने आज उत्तर प्रदेश में इस अभियान का नेतृत्व किया। उन्होंने श्रमदान किया और लोगों का आह्वान किया कि वे तरल व ठोस अपशिष्ट पदार्थों के सुरक्षित प्रबंधन में अपना योगदान करें। उन्होंने लोगों की भागीदारी को अभूतपूर्व बताया और देश के सभी गावों को इस अभियान में भाग लेने का आह्वान किया।
सूचना प्रसारण मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी ने रायपुर के केंद्री गांव में स्वच्छता अभियान में लोगों के साथ भागीदारी की। इस दौरान छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री रमन सिंह भी मौजूद थे। श्रीमती ईरानी ने कहा कि छत्तीसगढ़ जल्द ही ओडीएफ घोषित किया जाएगा। इसका श्रेय यहाँ के जन समुदाय को जाता है। रक्षामंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज दिल्ली छावनी क्षेत्र का दौरा किया और लोगों से कहा कि वे पर्यावरण को स्वच्छ बनाए और खुले में शौच से मुक्ति में अपना योगदान दें। पेयजल स्वच्छता राज्य मंत्री श्री एस.एस.आहुवालिया ने त्रिपुरा में भारत बांग्लादेश सीमा के पास भागलपुर गांव में शौचालय के लिए गढ्ढा खोदने के कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर अन्य केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री एवं अन्य गणमान्य लोगों ने श्रमदान में भाग लिया।
पेयजल स्वच्छता एवं भारतीय रेलवे के अधिकारियों एवं स्टॉफ ने तड़के नई दिल्ली के निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन की सफाई की। दोनों मंत्रालयों के अधिकारियों ने कामगारों से भी कहा कि वे रेलवे प्लेटफॉर्म की स्वच्छता को बनाए रखें। पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय की एक पहल के रूप में टॉयलेट एक प्रेमकथा फिल्म ग्राम प्रधानों ने लोगों को दिखाई। इस फिल्म को लोगों को दिखाने के लिए ग्राम प्रधानों ने विशेष प्रबंध किए। यह फिल्म ग्रामीण भारत में स्वच्छता की आवश्यकता का एक सशक्त संदेश देती है। ग्रामसभाओं में जागरूकता अभियानों और आपसी बातचीत के अलावा कई पहल की जा रही है ताकि लोग स्वच्छता के लाभ के महत्व को समझ सके। इसके लिए लोगों को प्रेरित किया जा रहा है। राज्य विशेष रूप से डिजाइन किए गए स्वच्छता रथ के जरिए लोगों को इस संबंध में शिक्षित और जागरूक कर रहे हैं।