नई दिल्ली: नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा आज पवन हंस के सहयोग से दिल्ली के रोहिणी हेलिपोर्ट पर प्रथम एकीकृत हेलिपोर्ट राष्ट्र को समर्पित किया गया। इस सुविधा का उद्घाटन करने के बाद नागरिक उड्डयन मंत्री श्री अशोक गजपति राजू ने कहा कि हेलिपोर्ट एक उत्कृष्ट बुनियादी ढांचा है। इसके साथ ही उन्होंने इस ओर ध्यान दिलाया कि भारत में हेलिकॉप्टर सेवाएं अब भी प्रारंभिक अवस्था में ही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस सुविधा से लागत नियंत्रण में ही रहेगी, क्योंकि एमआरओ सुविधा को भी इसमें शामिल किया गया है। इससे रोजगार सृजन में मदद मिलेगी। इसके बाद मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि इस आनंददायक सेवा का उज्ज्वल भविष्य है। उन्होंने यह उम्मीद भी जताई कि पायलट प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना जल्द ही कर दी जाएगी।
नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री श्री जयंत सिन्हा ने कहा कि उड्डयन क्षेत्र लगभग हर दिन नया इतिहास रच रहा है और हेलिपोर्ट भी इसी तरह की एक अनूठी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि यह सुविधा आपातकालीन चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने और जन सुरक्षा के साथ-साथ पर्यटन को बढ़ावा देने में भी उपयोगी साबित होगी। श्री सिन्हा ने यह भी कहा कि यदि एटीएफ पर वर्तमान 25 फीसदी टैक्स को कम कर दिया जाए तो हेलिकॉप्टर सेवाएं आर्थिक दृष्टि से लाभप्रद साबित हो सकती हैं।
नागरिक उड्डयन सचिव श्री आर.एन. चौबे ने कहा कि यह चार हेलिपोर्ट बनाने यानी हर क्षेत्र में एक हेलिपोर्ट बनाने संबंधी राष्ट्रीय विमानन नीति का एक हिस्सा है और रोहिणी में बनाया गया हेलिपोर्ट इस दिशा में पहला कदम है। उन्होंने यह भी कहा कि हेलिकॉप्टर से जुड़े परिचालनों को इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से हटा कर रोहिणी में स्थानांतरित किया जा सकता है।
रोहिणी हेलिपोर्ट के निर्माण कार्य को तकरीबन 100 करोड़ रुपये की लागत से लगभग दो वर्षों में पूरा किया गया है। यह हेलिपोर्ट समस्त हेलिकॉप्टर परिचालन सुविधाएं मुहैया कराएगा और व्यस्त इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को भीड़-भाड़ से मुक्त कराएगा तथा इसके साथ ही यह नियमित यात्री सेवाओं के लिए देश के उत्तरी हिस्से में हेलिकॉप्टरों के जरिए क्षेत्रीय हवाई कनेक्टिविटी को बढ़ावा भी देगा। इसके साथ ही यह हेलिपोर्ट हेलि सेवाओं, हेलिकॉप्टरों की लैंडिंग एवं पार्किंग, हेलिकॉप्टर रख-रखाव सेवाओं (एमआरओ), आपदा प्रबंधन, हेलिकॉप्टर आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं (एचईएमएस), कानून-व्यवस्था की निगरानी में भी उपयोगी साबित होगा। इस हेलिपोर्ट में 150 यात्रियों की क्षमता वाली एक टर्मिनल इमारत,16 हेलिकॉप्टरों के लिए पार्किंग सुविधाओं से युक्त 4 हैंगर और 9 पार्किंग बे शामिल हैं।
पवन हंस ने भी इस हेलिपोर्ट से सभी प्रमुख गंतव्यों जैसे कि दिल्ली से शिमला, हरिद्वार, देहरादून, मथुरा, आगरा, मेरठ और औद्योगिक केन्द्रों (हब) जैसे कि मानेसर, बहादुरगढ़ इत्यादि को आपस में जोड़ने के लिए एक खाका तैयार किया है। इसके तहत रोहिणी हेलिपोर्ट से दिल्ली और आसपास के शहरों के बीच हवाई कनेक्टिविटी सुलभ कराई जाएगी।