नई दिल्लीः केन्द्रीय सड़क और राजमार्ग, जहाजरानी, जल संसाधन, नदी विकास तथा गंगा सरंक्षण मंत्री नितिन गडकरी राजमार्ग का इस्तेमाल करने वालों के लिए कल दिल्ली में एक मोबाइल ऐप और टॉल फ्री आपात नंबर जारी करेंगे।
सुखद यात्रा के नाम का यह मोबाइल ऐप राजमार्गों का इस्तेमाल करने वालों को सशक्त बनाने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, एनएचएआई द्वारा तैयार किया गया है।
ऐप की मुख्य विशेषताओं में उपयोगकर्ताओं को सड़क की गुणवत्ता संबंधी जानकारी या राजमार्ग पर किसी दुर्घटना या किसी प्रकार टूट-फूट की जानकारी दर्ज करने की सुविधा भी शामिल है। इस ऐप के जरिए उपयोगकर्ता प्लाजाओं पर अपेक्षित प्रतीक्षा समय तथा राजमार्ग पर मिलने वाली नेस्ट/मिनी नेस्ट और अन्य पंसदीदा सुविधाओं के बारे में सटीक जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। इस ऐप का प्रयोग उपयोगकर्ताओं द्वारा फास्टैग टैग खरीदने तथा राजमार्ग पर चलने के अपने अनुभव को और अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए भी किया जा सकेगा।
ऐप के साथ ही जारी किया जाने वाले टोल-फ्री नंबर, 1033 के जरिए उपयोगकर्ता राजमार्ग पर किसी भी तरह की आपातकालीन स्थिति की सूचना या राजमार्ग से संबंधित फीडबैक दे सकेंगे। आपातकालीन स्थिति में तेजी से सहायता सुनिश्चित करने के लिए इस नंबर के साथ एम्बुलेंस और वाहनों को उठा ले जाने जैसी सेवाओं को जोडा गया है। उपयोगकर्ताओं की शिकायतों के त्वरित समाधान तथा उनकी वास्तविक स्थिति का पता लगाने के लिए ऐप में बहुभाषी संवाद प्रणाली का भी प्रावधान है।
मंत्रालय की ओर से हर राज्य या केंद्र शासित प्रदेशों के प्रत्येक जिले में कम से कम एक मॉडल ड्राईविंग प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने के लिए एक करोड़ रूपये की वित्तीय मदद दी जाएगी। योजना के तहत इतनी ही राशि एजेंसी की ओर से भी निवेश की जाएगी। योजना का मुख्य उद्देश्य भारी और हल्के मोटर वाहनों के चालकों के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना और उनकी जरूरतों को पूरा करना है। इसका उद्देश्य वाहन चालकों को सड़क सुरक्षा के प्रति ज्यादा जागरूक बना कर उनके व्यवहार और सोच में बदलाव लाना भी है। प्रशिक्षण पाठ्यक्रम कार्यक्रम उन वाहन चालकों के लिए होगा जो खतरनाक सामान लाने ले जाने का काम करते हैं। इस तरह के प्रशिक्षण केंद्र खोलने की इच्छुक एजेंसियों को भूमि, क्लास रूम और सिम्युलेटर जैसी जरूरी ढांचागत सुविधाएं उपलब्ध करानी होंगी।
सड़क सुरक्षा जागरूकता के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वालों को पुरस्कृत करने के लिए गैर-सरकारी संगठनों / न्यासों / सहकारी समितियों तथा एजेंसियों को पांच लाख रूपये तक की वित्तीय सहायता देने का प्रावधान किया गया है। प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में सड़क सुरक्षा जागरूकता और इससे जुड़ी गतिविधियां चलाने वाली एजेंसियों के लोगों को पांच लाख, दो लाख और एक लाख रूपये के पुरस्कार देने की व्यवस्था की गई है।