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निर्वाचन आयोग ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2018 की तिथि की घोषणा की

देश-विदेश

नई दिल्ली: कर्नाटक विधानसभा का कार्यकाल 28.05.2018 को समाप्त हो रहा है। कर्नाटक विधानसभा के मौजूदा कार्यकाल के समाप्त होने से पहले ही भारतीय संविधान के अनुच्छेद 172 (1) और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 15 के साथ अनुच्छेद 324 के तहत कर्तव्यों और कार्यवाही के अंतर्गत भारतीय चुनाव आयोग को नई विधानसभा के गठन की आवश्यकता है।

चुनाव कार्यक्रम

    आयोग ने जलवायु परिस्थितियों, शैक्षणिक कैलेंडर, प्रमुख त्योहार, राज्य की कानून-व्यवस्था की स्थिति,केंद्रीय पुलिस बलों की उपलब्धता, समय की आवश्यकता जैसे सभी प्रासंगिक पहलुओं को ध्यान में रखते हुए परिवहन और बलों की समय पर तैनाती और अन्य प्रासंगिक जमीनी वास्तविकताओं के गहन मूल्यांकन करने के बाद कर्नाटक विधानसभा के लिए आम चुनाव आयोजित करने के लिए अनुसूचियां तैयार कर ली है।

   आयोग ने सभी प्रासंगिक पहलुओं पर विचार करने के बाद कर्नाटक राज्य के राज्यपाल से सिफारिश की है कि आम चुनाव अधिनियम, 1951 के संबंधित प्रावधानों के तहत चुनावों के लिए नीचे दी गई अनुसूची के अनुसार चुनावों की घोषाणा करें।

कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2018 की अनुसूचि

चुनावी कार्यक्रम कार्यक्रम
अधिसूचना जारी करने की तिथि 17.04.2018 (मंगलवार)
नामांकन की तिथि 24.04.2018 (मंगलवार)
नामांकन जांच की तिथि 25.04.2018 (बुधवार)
नामांकन वापस लेने की तिथि 27.04.2018 (शुक्रवार)
मतदान की तिथि 12.05.2018 (शनिवार)
मतगणना की तिथि 15.05.2018 (मंगलवार)
इस तिथि से पहले चुनावी कार्यक्रम संपन्न हो जाएंगे 18.05.2018 (शुक्रवार)

अन्य संबंधित तथ्यः

  1. विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र

    संसदीय और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र परिसीमन आदेश- 2008 के अनुसार कर्नाटक राज्य में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित सीटों की कुल संख्या इस प्रकार है जिसका विवरण निम्नलिखित हैः-

राज्य विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र की कुल सीटें अनुसूचित जाति(एससी) के सुरक्षित सीट अनुसूचित जनजाति (एसटी) के सुरक्षित सीट
कर्नाटक 224 36 15
  • (2) सूची

   कर्नाटक राज्य में सभी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के मौजूदा मतदाता सूची को संशोधित किया गया है।01.01.2018 को सूची को संशोधित किया गया। कर्नाटक की मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 28.02.2018 को किया गया है। प्रकाशित मतदाता सूची का विवरण एनवीएसपी (www.nvsp.in), (www.ceokarnataka.kar.nic.in) की वेबसाइट पर उपलब्ध है। अंतिम मतदाता सूची के अनुसार, राज्य में निर्वाचकों की संख्या इस प्रकार है:

 

राज्य

निर्वाचक मतदाता सूची के अनुसार कुल मतदाताओं की संख्या अंतिम मतदाता सूची के अनुसार कुल मतदाताओं की संख्या
कर्नाटक 4,90,06,901

(करीब 4.90 करोड़)

4,96,82,357

(करीब 4.968 करोड़)

  1. मतदान केंद्र और विशेष सुविधा

कर्नाटक के मतदान केंद्रों की संख्या इस प्रकार है:

 

राज्य

2013 में मतदान केंद्रों की संख्या 2018 में मतदान केंद्रों की संख्या  

वृद्धि (% में)

कर्नाटक 52,034 56,696 9%
  • (4) के लिए विशेष इंतजाम

सभी मतदान केंद्रों पर महिलाएं प्रबंधन संभालेंगी: चुनाव प्रक्रिया में लैंगिक समानता को लागू करने और महिलाओं की अधिक रचनात्मक भागीदारी के प्रति अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता के रूप में, आयोग ने यह भी निर्देश दिया है कि यथासंभव सभी मतदान केंद्रों पर महिलाओं के लिए विशेष इंतजाम किए जाएं। विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में पुलिस और सुरक्षा कर्मियों सहित पूरे मतदान स्टाफ में महिलाएं होंगी। पूरे कर्नाटक में 224 महिला मतदान केंद्रों की स्थापना की जाएगी।

  1. इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (इवीएम) और मतदाता सत्यापन पत्र ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी):

चुनाव में पारदर्शिता और विश्वसनीयता को बढ़ाने के लिए कर्नाटक के सभी मतदान केंद्रों में ईवीएम और वीवीपीएटी का इस्तेमाल किया जाएगा। आयोग ने सुचारू रूप से चुनाव संपन्न कराने के लिए ईवीएम और वीवीपीएटी की पर्याप्त संख्या की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए पहले से ही व्यवस्था की है। राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में ईवीएम और वीवीपीएटी के प्रथम स्तर की जांच पूरी हो चुकी है। ईवीएम और वीवीपीएटी के रैंडमैडैमेशन को दो चरणों को पूरा किया जा चुका है।

  • (6) आचार संहिता

    चुनावी तिथियों की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता तुरंत प्रभावी रूप से लागू हो गई है। आदर्श आचार संहिता के प्रावधान केंद्र और कर्नाटक सरकार के साथ सभी राजनीतिक दलों के लिए लागू होंगे। आदर्श आचार संहिता केंद्र सरकार के लिए भी लागू होते हैं क्योंकि उसकी नीतियां और योजनाओं का संबंध राज्य से होता है।

  एमसीसी दिशा-निर्देशों के प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए आयोग ने विस्तृत व्यवस्था की है। आचार संहिता का उल्लंघन न हो इसके लिए इन दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा। आयोग इस बात पर जोर दे रहा है कि समय-समय पर इस संबंध में जारी किए गए निर्देशों को सभी राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों और उनके एजेंटों/ प्रतिनिधियों द्वारा पढ़ा और समझना चाहिए ताकि किसी भी गलतफहमी से बचें या जानकारी की कमी या अपर्याप्त समझ की समस्या का सामना न करना पड़े। चुनाव के दौरान राज्य सरकार को यह भी सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिया गया है कि एमसीसी अवधि के दौरान आधिकारिक मशीनरी का दुरुपयोग न किया जाए।

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