नई दिल्ली: बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू प्रमुख नीतीश कुमार ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की। बिहार में भगवा पार्टी के साथ गठजोड़ करके सरकार बनाने के बाद जदयू राजग में शामिल होने की तैयारी में है।
राजद और कांग्रेस से गठबंधन तोड़कर 26 जुलाई को भाजपा के साथ गठजोड़ करने के बाद नीतीश पहली बार राष्ट्रीय राजधानी आए हुए थे।
मोदी के साथ बैठक करने के बाद कुमार ने संवाददाताओं को बताया कि यह शिष्टाचार मुलाकात थी और वह प्रधानमंत्री से बिहार के विकास के मुद्दे पर बात करने के लिए इस महीने के अंत में दोबारा दिल्ली आएंगे।
इसके बाद कुमार ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ बैठक की। ऐसा माना जा रहा है कि इस बैठक में दोनों नेताओं ने मौजूदा समय की राजनीतिक घटनाओं और राज्य से संबंधित अन्य मुद्दों पर चर्चा की। जदयू सूत्रों ने बताया कि पार्टी औपचारिक तौर पर भाजपा के नेतृत्व वाले राजग में शामिल होने की घोषणा पटना में आयोजित होने वाली राष्ट्रीय कार्यकारी बैठक में करेगी।
मोदी मंत्रिमंडल में शामिल होने के सवाल पर जदयू के एक नेता ने कहा कि इस तरह का फैसला तो स्वाभाविक है।
उन्होंने कहा, “जब हम बिहार में सरकार में साथ हैं तो हमारी पार्टी का केंद्र सरकार में शामिल होना स्वाभाविक है।” हालांकि उन्होंने बताया कि इस तरह का फैसला कुमार लेंगे और पार्टी ने अभी तक इस पर विचार नहीं किया है।
राज्यसभा में जदयू के सांसद शरद यादव ने भाजपा के साथ गठजोड़ का विरोध किया है लेकिन उन्हें पार्टी के अन्य सांसदों से प्रत्यक्ष तौर पर ज्यादा समर्थन प्राप्त नहीं है।
कुमार ने यादव के साथ मेलमिलाप के सारे दरवाजों को लगभग बंद करते हुए कहा कि वह कोई भी फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं। भाजपा के साथ गठजोड़ करने का फैसला पार्टी का था।
कुमार ने कहा, “यादव कोई भी फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं। जहां तक पार्टी का सवाल है तो यह पहले ही फैसला कर चुकी है। यह सिर्फ मेरा फैसला नहीं था बल्कि पूरी पार्टी की इच्छा से यह फैसला किया गया। अगर वह अलग विचार रखते हैं तो वह ऐसा करने के लिए स्वतंत्र हैं।”