नैनो सामग्रियों के संश्लेषण, केरेक्टराइजेशन और सुरक्षा आंकलन पर एक कार्यशाला का उद्घाटन देश के आधारभूत प्रमुख विषाक्तता संस्थान, सीएसआईआर- भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान में आज 22 मार्च, 2017 को हुआ।
कार्यशाला के सह-संयोजक डॉ॰ आलोक पांडे ने सभा का स्वागत किया और डॉ डी॰ कार चौधरी, मुख्य वैज्ञानिक सीएसआईआर- भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान और आयोजन समिति के अध्यक्ष ने कार्यशाला की उत्पत्ति, भूमिका एवं संस्थान द्वारा नैनोटेक्नोलोजी विज्ञान के क्षेत्र में किए गए कार्यों के बारे में अतिथियों और प्रतिभागियों को अवगत कराया। सभा को संबोधित करते हुए डा॰ पी एस चौहान, पूर्व प्रमुख, सेल बायोलॉजी डिविजन, बीएआरसी, मुंबई ने मानव एक्सपोजर के विभिन्न क्षेत्रों में नैनोमेटीरियल के बढ़ते उपयोग के कारण, इनके सुरक्षा मूल्यांकन के लिए एक केंद्रित दृष्टिकोण की आवश्यकता पर बल दिया। प्रोफेसर आलोक धावन, निदेशक, सीएसआईआर- भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान ने अपने भाषण में कहा कि प्रतिभागियों को संस्थान के नैनोटेक्नोलोजी के क्षेत्र में प्रमुख वैज्ञानिकों के साथ मिलकर कार्यशाला का अधिक से अधिक लाभ उठाना चाहिए। इस कार्यशाला में व्याख्यानों और प्रयोगशाला में विभिन्न तकनीकों के उपयोग जैसे इलेक्ट्रोन माइक्रोस्कोपी, डाइनामिक लाइट स्केटेरिंग, इन-विट्रो और इन-विवो एसे द्वारा नैनोमेटीरियल संश्लेषण, केरेक्टराइजेशन और सुरक्षा जैसे विषयों का एक विवेकपूर्ण मिश्रण शामिल किया गया है। कार्यशाला के सह-संयोजक डॉ सत्यकाम पटनायक ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया।