देहरादून: बिहार के पटना शहर में आयोजित काॅमनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोशियेसन इण्डिया रीजन के सम्मेलन से लौटने के पश्चात् देहरादून विधान सभा में आयोजित प्रैस वार्ता में उत्तराखण्ड विधान सभा अध्यक्ष श्री प्रेम चन्द अग्रवाल ने कहा है कि इस सम्मेलन में सम्पूर्ण देश के विभिन्न राज्यों से 24 विधान सभा अध्यक्ष एवं तीन विधान परिषदों के सभापति उपस्थित हुए साथ ही इस सम्मेलन में सी0पी0ए0 की चेयरमैन मा0 एमिला मोन्जोआ लिफाका एवं महासचिव अकबर खान व लोक सभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन भी उपस्थित रही।
सी0पी0ए0 सम्मेलन में विकास के एजेंडे में संसद की भूमिका विषय पर अपने सम्बोधन में उत्तराखण्ड विधान सभा अध्यक्ष श्री प्रेम चन्द अग्रवाल ने कहा है कि गरीबी, बेरोजगारी, खाद्यान्न संकट को दूर करते हुए भारतवर्ष ने विगत 70 वर्षों में विकास की गति को आगे बढ़ाते हुए विकास प्राप्त किया। आज भारत ने सभी क्षेत्रों जैसे औद्योगिक विकास, मानव संसाधन विकास, महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में प्रभावी उन्नति की है। उन्होंने कहा कि माननीय मोदी जी ऐसे यशस्वी प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने न केवल देश अपितु विश्व में भारत की साख बढ़ायी है, मोदी जी के शासनकाल में एनुअल ग्रोथ रेट 9.2 प्रतिशत है, जो वर्तमान तक की सबसे अधिक ग्रोथ रेट है। श्री अग्रवाल जी ने कहा कि माननीय मोदी जी ने जी0एस0टी0, विमुद्रीकरण, डिजीटल इण्डिया, स्टार्ट अप इण्डिया, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, स्वच्छता अभियान, उज्जवल योजना चलाकर देश के विकास को निरन्तर गति प्रदान की है।
उत्तराखण्ड के सन्दर्भ में अपने उद्बोधन में श्री अग्रवाल ने कहा है कि मैं देवभूमि उत्तराखण्ड से आता हूॅं। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण
में उत्तराखण्ड के महत्वपूर्ण योगदान की बात कही है। मा0 अध्यक्ष ने बताया कि यहाॅं का 68 से 70 प्रतिशत क्षेत्र वनाच्छादित है। उन्होंने कहा कि हम उस सौभाग्यशाली राज्य उत्तराखण्ड से हैं, जिसकी शुद्व हवा से प्रदत्त आक्सीजन भारत के एक बड़े भू-भाग को लाभान्वित करती है।
श्री अग्रवाल ने कहा है कि टिहरी बाॅंध बनने से स्थानीय निवासियों ने विस्थापन से सम्बन्धित कई समस्याएं झेली हैं। परन्तु टिहरी बाॅंध बनने से न केवल उत्तराखण्ड अपितु नई दिल्ली, उत्तर प्रदेश जैसे अन्य कई राज्य भी जल एवं विद्युत का लाभ ले रहे हैं। भाषाओं की बात करते हुए भाषाओं की जननी संस्कृत के प्रचार-प्रसार एवं उत्थान हेतु श्री अग्रवाल द्वारा उत्तराखण्ड विधान सभा में पहली बार संस्कृत उन्नयन समिति का गठन किया गया।
विधान सभा अध्यक्ष जी ने कहा कि देवभूमि की सबसे बड़ी समस्या पलायन की है। उन्होंने कहा कि पहाड़ों की जवानी और यहाॅं का पानी प्रदेश के काम नहीं आता और जवानी काम न आने के कारण पहाड़ से लोग पलायन कर रहे हैं। अब तो पहाड़ में बुर्जग और लाचार लोग ही निवास कर रहे हैं, पहाड़ के अधिकतर गाॅंव लगभग-लगभग खाली हो चुके है। इसी पलायन को रोकने हेतु नवनिर्मित पलायन समिति का गठन उत्तराखण्ड विधान सभा में किया गया है।
मा0 अध्यक्ष जी ने बताया कि उक्त समस्याओं हेतु विधान सभा, उत्तराखण्ड में तीन नयी समितियाॅं ‘‘संस्कृत उन्नयन समिति का गठन’’, ‘‘पलायन समिति का गठन’’, ‘‘पर्यावरण समिति का गठन’’ किया गया है। अपने उद्बोधन में मा0 अध्यक्ष जी ने उत्तर प्रदेश विधान सभा अध्यक्ष श्री हृदय नारायण दीक्षित जी के सुझावों के आधार पर बताया कि ऐसे 17 बिन्दु हैं, जिससे हम विकास के पथ पर निरन्तर बढ़ सकते हैं। इन 17 बिन्दुओं पर विकास हेतु ‘‘विकास क्रियान्वयन समिति’’ के गठन का प्रस्ताव भराड़ीसैंण में होने वाले आगामी विधान सभा बजट सत्र 20 से 28 मार्च, 2018 में प्रस्तुत किया जाएगा।