लखनऊ: हस्तशिल्पियों द्वारा तैयार किये गये उत्पादों की वाजिब कीमत दिलाने के लिए बेहतर मार्केटिंग तथा उत्पादित माल को बाजार तक पहुंचाने के लिए हर सम्भव उपाय किये जाने चाहिए। इससे प्रदेश के कोने-कोने में रहने वाले हस्तशिल्प बाजार तक पहुंचेगे और हस्तशिल्पियों को प्रोत्साहन भी मिलेगा। उत्तर प्रदेश में विभिन्न हस्तशिल्प को आगे बढ़ाने की असीमित सम्भावनाएं हैं। इससे अर्थ व्यवस्था में मजबूती लाने के साथ ही हस्तशिल्पियों को आमदनी में भी बढ़ोत्तरी होगी। इसके साथ ही हस्तशिल्प को संरक्षित किया जा सकेगा।
निदेशक संस्कृति श्री हीरालाल आज यहां राज्य स्तरीय हस्त शिल्प सप्ताह के दौरान हस्तशिल्प प्रदर्शनी के उद्घाटन के अवसर पर अपने उद्गार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश आबादी की दृष्टि से देश का सबसे बड़ा प्रदेश है और जनपद में कोई न कोई बहुमूल्य हस्तशिल्प का उत्पादन होता है। उन्होंने कहा कि इंडियन इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट के विशेषज्ञों से मार्ग दर्शन लेकर शिल्पियों के उत्पाद की मार्केटिंग करायी जानी चाहिए। इसके साथ ही तैयार माल को बाजार तक पहुंचाने के लिए सहयोग किया जाना है। उन्होंने कहा कि कारीगरों को मार्केट से सीधे जोड़ने की जरूरत है, ताकि इनके व्यवसाय को गति मिले।
उल्लेखनीय है कि उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन विभाग द्वारा स्थानीय एक्सपो मार्ट, निर्यात भवन, कैण्ट रोड पर हस्तशिल्प प्रदर्शनी आयोजित की गई है, जो आज से लेकर आगामी 15 दिसम्बर तक दर्शकों के लिए खुली रहेगी। इस प्रदर्शनी में प्रदेश भर से आये शिल्पी अपने-अपने उत्पादों को प्रदर्शित किए हैं। इसमें लगभग हस्तशिल्प के 70 से अधिक स्टाल लगाये गये हैं। इस प्रकार की प्रदर्शनी पहली बार राज्य स्तर पर लगाई गई है, जबकि पूर्व में यह प्रदर्शनी जनपद स्तर पर लगाई जाती रही है।
श्री योगेश कुमार, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, उ0प्र0 व्यापार प्रोत्साहन प्राधिकरण ने बताया कि राज्य सरकार ने शिल्पियों की सुविधा के लिए कई कदम उठाए हैं, कारीगर अधिक से अधिक प्रदर्शनी में भाग ले सकें। प्रदर्शनी में शिल्पियों के लिए निःशुल्क स्टाल आवंटित किये गये हैं। इस प्रदर्शनी की सफलता को देखते हुए अगले वर्ष से बड़े पैमाने पर प्रदर्शनी का आयोजन किया जायेगा।
श्री कुमार ने बताय कि इस प्रदर्शनी में भाग लेने वाले हस्तशिल्पियों को स्टाल का आवंटन प्रथम आगत-प्रथम प्रदत्त के आधार पर निःशुल्क आवंटित किया गया है। साथ ही सहभाग करने वाली इकाईयों को नियमानुसर एम0डी0ए0 योजना का लाभ भी दिया जायेगा।
प्रदर्शनी में स्टेट एवार्डी लखनऊ के श्री सलाउद्दीन सिद्दीकी की बोनकार्वी तथा श्री अब्दुल सईद की जरी जरदोजी मुख्य आकर्षण का केन्द्र हैं। इनके अलावा उन्नाव की आर्टिफीशियल ज्वैलरी तथा चिकन, रामपुर के श्री गुलाब नवाज का पैचवर्क एप्लिक वर्क , वाराणसी के श्री गुलाम मुहम्मद की बनारसी साड़ी (सिल्क), सीतापुर का हैण्डप्रिंट टेक्सटाइल्स तथा कानपुर के लेदर क्राफ्ट सहित अन्य जनपदों से आये शिल्पियों की कारीगरी भी काफी दर्शनीय हैं।