इस्लामाबाद: पाकिस्तान में खैबर-पख्तूनख्वाह प्रांत की असेंबली में सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों तरफ के सदस्यों ने एक हिंदू सदस्य को शपथ लेने से रोक दिया। उस पर एक सिख सदस्य की हत्या का आरोप है। प्रांतीय असेंबली के सदस्य निर्वाचित हुए बलदेव कुमार सिख जन प्रतिनिधि सरदार स्वर्ण सिंह की हत्या के मामले में जेल में बंद हैं। उनको शपथ लेने की इजाजत मिली थी। कुमार जब प्रांतीय असेंबली में पहुंचे तो विपक्षी सदस्यों ने शपथ लेने की इजाजत के स्पीकर के फैसले का विरोध किया। सत्तापक्ष के सदस्य भी इस विरोध में शामिल हो गए। इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के सदस्य अरबाब जहांदाद खान ने कुमार की तरफ जूता फेंका जो उनसे कुछ दूरी पर गिरा। कई अन्य सदस्यों ने असेंबली के एजेंडे की प्रतियां भेजीं। कुमार शपथ नहीं ले सके और उनको जेल वापस ले जाया गया।
इस सिख सांसद स्वर्ण सिंह की हत्या साल 2016 में हुई थी। विपक्ष ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तान की तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार ने सदन में सीनेट वोट के लिए एक हत्यारे को अंदर आने की मंजूरी दी। वहीं मंत्री केपी शाह फरमान ने कहा कि पेशावर हाई कोर्ट के आदेश के बाद ही बलदेव कुमार को सदन में आने की मंजूरी दी गई थी। विपक्ष के नेता मौलाना लुत्फर रहमान ने कहा है कि सरकार को पेशावर हाई कोर्ट में बलदेव को सदन के अंदर मंजूरी मिलने के आदेश को चुनौती देनी चाहिए थी। स्वर्ण सिंह पीटीआई के सांसद थे जिन्हें अप्रैल 2016 में इसी प्रांत के बुनेर जिला में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। सिंह ने अल्पसंख्यक सीट पर चुनाव लड़ा था। उनके बेटे अजय ने रविवार को अपील की थी कि सरकार को उनके पिता के हत्यारे को सदन में आने की मंजूरी नहीं देनी चाहिए थी।
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