उत्तरकाशी: पाला मनेरी परियोजना की बैराज साइट पर आपदा के दौरान ध्वस्त हुआ उत्तराखंड जल विधुत निगम के करीब पौने दो सौ टन वजनी लोहे के पुल को कबाड़ी को बेच दिए जाने के मामले में निगम के डीजीएम जेबी सिंह पर गाज गिर गई है। डीजीएम जेबी सिंह को निगम के प्रबंध निदेशक एसके वर्मा ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
गौरतलब है कि पाला मनेरी परियोजना की बैराज साइट पर जल विधुत निगम ने तीन करोड़ की लागत से वैली ब्रिज बनाया था। जो 2013 की बाढ़ में क्षतिग्रस्त हो गया था। 54 मीटर लंबे और करीब पौने दो सौ टन वजनी लोहे के इस पुल के कबाड़ को बेचने के लिए नियमानुसार आक्सन किया जाता है, लेकिन निगम के डीजीएम से मिली भगत कर कुछ लोगों ने इसे 6.50 लाख में एक कबाड़ी को बेच दिया।
इस मामले में पुलिस ने चार ठेकेदारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पुल के काटे गए पार्ट्स जब्त कर लिए थे, लेकिन निगम के डीजीएम पर कोई कारवाई इस मामले में नहीं हुई। इसे लेकर स्थानीय लोगों समेत निगम के कर्मचारियों ने निगम के एमडी को पत्र भेजकर रोष प्रकट किया था। मंगलवार देर रात एमडी एसके वर्मा ने डीजीएम जेबी सिंह को प्राथमिक जांच में दोषी पाते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए।
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