लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी असामाजिक तत्वों को चिन्हित कर जेल भेजने के निर्देश देते हुए कहा है कि कानून का राज कायम रखने हेतु अपराधियों, भू-माफियाओं, वन, पशु व खनन माफियाओं, अवैध बूचड़खाना चलाने वालों तथा संगठित अपराध कराने वाले तत्वांे पर पैनी नजर रखी जाए। आपराधिक घटनाओं में लिप्त लोगों की हिस्ट्रीशीट खोलकर उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए। उन्होंने पुलिस अधिकारियों विशेष तौर पर थाना प्रभारियों को अपने व्यवहार में परिवर्तन कर जनता के साथ मित्रवत व्यवहार करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पुलिस की कार्य प्रणाली ऐसी होनी चाहिए कि जनमानस अपने का सुरक्षित महसूस करे।
मुख्यमंत्री आज वाराणसी मण्डल की कानून व्यवस्था एवं विकास कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने आई0जी0 एवं पुलिस अधीक्षकों सहित बड़े अधिकारियों को किसी भी प्रकार के घटना-दुर्घटना होने पर स्वयं मौके पर पहुंचने का निर्देश देते हुए कहा कि इस कार्यवाही से लोगों में पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ेगा और अपराधियों में डर का माहौल भी पैदा होगा। उन्होंने पुलिस को भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था के तहत कार्य करने के निर्देश देते हुए कहा कि अवैध वसूली की सूचना मिलने पर सम्बन्धित अधिकारियों व कर्मियों को बख्शा नहीं जाएगा।
योगी जी ने अधिकारियों को अपराध एवं अपराधियों पर नियंत्रण हेतु व्यापारी संगठनों एवं दुकानदारों से वार्ता कर उन्हें अपनी दुकानों में अन्दर व बाहर सी0सी0टी0वी0 कैमरा लगवाने हेतु जागरूक एवं प्रेरित करने के निर्देश दिए। उन्होंने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि नक्सल प्रभावित जिलों में नक्सल गतिविधियों पर रोकथाम हेतु जनजाति एवं वनवासियों से पुलिस द्वारा संवाद स्थापित किया जाए। साथ ही, समाज के कमजोर वर्गों, गरीबों व दलितों को शासन की योजनाओं से लाभान्वित कराया जाए, ताकि ऐसे लोग समाज की मुख्य धारा से जुड़ सकें। उन्होंने पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों को जनसमस्याओं के प्रति संवेदनशील होने के निर्देश देते हुए कहा कि वे प्रातः 9 से 11 बजे तक लोगांे की समस्याओं को सुनें तथा उसका तात्कालिक निस्तारण करें। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि पुलिस अपने-अपने क्षेत्र में पेट्रोलिंग करे।
योगी जी ने महानगरों में ट्रैफिक जाम की समस्या से आम जनमानस को निजात दिलाए जाने पर जोर दिया। यातायात के नियमों का पालन किए जाने हेतु आगामी 15 दिनों तक जागरूकता अभियान चलाए जाने का निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि इसके बाद यातायात नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराया जाए। उन्होंने चार पहिया वाहन से काली फिल्म उतरवाए जाने हेतु विशेष अभियान चलाने का निर्देश देते हुए कहा कि इससे अपराध पर भी नियंत्रण पाया जा सकेगा। उन्होंने आये-दिन सड़क दुर्घटना में दो पहिया वाहनों से होने वाली मौतों पर भी चिन्ता जतायी तथा दो पहिया वाहनों को चलाने के दौरान हेलमेट की अनिवार्यता लागू किए जाने पर जोर दिया। आपदा राहत राशि पीड़ितों को प्राथमिकता पर समय से मुहैया कराए जाने का निर्देश देते हुए कहा कि बिजली के शाॅर्ट सर्किट से किसानों के खेत में आगजनी के कारण होने वाले क्षतिपूर्ति राशि एक सप्ताह के अन्दर मुहैया करा दी जाए।
विकास कार्यों की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने आई0पी0डी0एस0 एवं जलनिगम के अधिकारियों को जमकर फटकार लगायी। उन्होंने भूमिगत वायरिंग के दौरान सड़कों की बेतरतीब खुदाई से जनसामान्य को होने वाली परेशानी को संज्ञान लेते हुए कहा कि निर्धारित अवधि में भूमिगत वायरिग कार्य पूर्ण किया जाए, ताकि सड़कों की तत्काल मरम्मत करायी जा सके। इसके अलावा, उन्होंने पेयजल पाइप लाइन योजनाओं के पूर्ण होने के बावजूद क्रियाशील न होने तथा हैण्डपम्पों के मरम्मत एवं रिबोर की प्रगति भी सन्तोषजनक न होने पर नाराजगी जतायी। उन्होंने पेयजल पाइप लाइनों एवं ओवरहेड पानी की टंकियो की सूची जनप्रतिनिधियों को 15 दिनांक के अन्दर मुहैया कराये जाने हेतु जलनिगम के अभियंता को निर्देशित किया।
योगी जी ने विद्युत विभाग के अभियन्ता को ग्रामीण विद्युतीकरण शत-प्रतिशत सुनिश्चित कराने का निर्देश देते हुए कहा कि जो भी विद्युत उपकेन्द्र पूर्ण हो चुके हैं, उनका उर्जीकरण प्राथमिकता पर सुनिश्चित कराया जाए तथा बी0पी0एल0 परिवारों को निःशुल्क विद्युत कनेक्शन मुहैया कराए जाएं। उन्होंने कहा कि बी0पी0एल0 धारकों को विद्युत कनेक्शन निःशुल्क मुहैया कराए जाने के दौरान उन्हें यह अवश्य बताया जाए कि कनेक्शन निःशुल्क है और कनेक्शन के विद्युत अधिभार का भुगतान उन्हें नियमानुसार करना होगा। विद्युत अनुपलब्धता पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्होंने शासन के निर्देशानुसार विद्युत की उपलब्धता सुनिश्चित कराए जाने की हिदायत दी। उन्होंने शहरी क्षेत्रों में 24 घण्टे एवं ग्रामीण क्षेत्र में 48 घण्टे के अन्दर जले एवं खराब विद्युत ट्रांसफार्मरो को प्रत्येक दशा में बदले जाने के निर्देश दिए।
स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अपर स्वास्थ्य निदेशक एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारियों से कहा कि वाराणसी मण्डल में 552 चिकित्सक हैं। इतने चिकित्सक प्रदेश के किसी भी मण्डल में नहीं हैं। चिकित्सकों की कमी का बहाना नहीं चलेगा। उन्होंने सरकारी चिकित्सालयों में डाॅक्टरों को बैठने की व्यवस्था के बारे में की गई समीक्षा की जानकारी ली। उन्होंने डाॅक्टरों की ड्यूटी दो शिफ्टो में लगाए जाने तथा डाॅक्टरों की उपस्थिति रोजाना जांचने के निर्देश दिए। उन्होंने सवाल पूछा कि अस्पताल में कितने गरीब लोगों को लोकल परचेज कर दवा उपलब्ध करायी गई। जिला पंचायत के कार्यों में मिल रही शिकायतों पर उन्होंने कमिश्नर सहित जिलाधिकारियों को जांच करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने गेहूं क्रय केन्द्रों की समीक्षा के दौरान किसानों को परेशानी न होने देने की हिदायत देते हुए कहा कि किसानों को क्रय केन्द्र पर कतारांे में खड़ा न होना पड़े। उन्होंने किसानों के गेहूं की खरीद मूल्य उनके खातों में प्राथमिकता पर शीघ्र भेजे जाने पर जोर देते हुए आर0एफ0सी0 को निर्देशित किया कि खरीदे गए गेहूं को एफ0सी0आई0 से वार्ता कर उनके गोदामों में रखवाया जाए। उन्होंने सख्त हिदायत दी कि बरसात में यदि क्रय केन्द्रों पर पड़े गेहूं खराब हुए तो जिम्मेदारी निर्धारित कर कार्यवाही अवश्य की जाएगी।
खनन पर रोक के कारण गिट्टी की आपूर्ति न होने से सड़क निर्माण में आ रही परेशानी को संज्ञान लेते हुए योगी जी ने कहा कि इस समस्या का समाधान शीघ्र ही किया जाएगा। उन्हांेंने क्रशर मालिकों द्वारा गिट्टी के दाम में बेतहाशा की गई मूल्य वृद्धि की जांच कराकर कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने लोक निर्माण विभाग, नगर निगम एवं वी0डी0ए0 के अधिकारियों को सड़कों को बरसात से पूर्व प्रत्येक दशा में गड्ढामुक्त किए जाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाए जाने पर जोर देते हुए नियमित अध्यापक के स्थान पर प्राॅक्सी अध्यापकों से पढ़ाई कराए जाने पर चिन्ता जतायी तथा इस व्यवस्था को पूरी तरह समाप्त करने हेतु शिक्षा विभाग के अधिकारियों सहित जिलाधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होंने शिक्षा विभाग में स्थानान्तरण के बदले पैसा लिये जाने को संज्ञान लेते हुए इसकी जांच जिलाधिकारियों को करने के निर्देश दिए।
स्वच्छता कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान योगी जी ने अधिकारियों को 31 दिसम्बर, 2017 तक खुले में शौचमुक्त किए जाने की तय सीमा में अपने-अपने जिलों को खुले में शौचमुक्त किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने शौचालय निर्माण में धनराशि को आड़े न आने देने का भरोसा देते हुए कहा कि शासन द्वारा आवश्यकतानुसार धनराशि मुहैया करायी जाएगी। उन्होंने बरसात से पूर्व नालों की सिल्ट सफाई कराए जाने हेतु निर्देशित करते हुए कहा कि किसी भी दशा में जल-जमाव नहीं होना चाहिए।
भूमि अधिग्रहण की समस्या से केन्द्रीय योजना के क्रियान्वयन में आने वाली रुकावटों का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि मुआवजे की उपलब्ध धनराशि का वितरण अभियान चलाकर 15 दिनों के अन्दर पूरा कराया जाए। विशेष रूप से उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के सुल्तानपुर-औरंगाबाद मार्ग के 4/6 लेन एवं रिंग रोड फेज-2 की मुआवजा राशि 15 दिनों के अन्दर वितरित करने के निर्देश दिए। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने नमामि गंगे, अमृत योजना, उद्योग बन्धु आदि की विस्तृत समीक्षा कर शासन की मंशा के अनुरूप कार्यांे को अभियान चलाकर पूरा कराए जाने के निर्देश दिए।
बैठक में केन्द्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री डाॅ0 महेन्द्र नाथ पाण्डेय, प्रदेश के नगर विकास मंत्री श्री सुरेश खन्ना, होमगाड्र्स राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री अनिल राजभर, सूचना राज्यमंत्री डाॅ0 नीलकंठ तिवारी, नगर विकास राज्यमंत्री श्री गिरीश चन्द्र यादव, अन्य जनप्रतिनिधिगण तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।