लखनऊ: मा. मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार इस वर्ष गन्ना विभाग द्वारा गन्ना किसानों की आमदनी दोगुना करने के दृष्टिगत चीनी मिलों का समय से संचालन कराने के निर्देश दिये गये थे जिससे गन्ना किसान अपने गन्ने की समय से आपूर्ति चीनी मिलों को सुनिश्चित कर रबी फसलों विशेषकर गेहूँ की बुवाई हेतु अपना खेत खाली कर सकें और समय से गेहूँ तथा अन्य जरूरत की रबी फसलों की बुवाई कर अधिकतम उत्पादन प्राप्त कर सकें।
गन्ना एवं चीनी आयुक्त, श्री संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि मा. गन्ना मंत्री के मार्गदर्शन में चीनी मिलों के शीघ्र संचालन कराने हेतु कार्य योजना बनायी गयी जिसके फलस्वरूप प्रदेश में पेराई सत्र 2017-18 में संचालन हेतु प्रस्तावित कुल 119 चीनी मिलों में से अब तक 43 चीनी मिलों का पेराई सत्र प्रारम्भ करा दिया गया है तथा इन चीनी मिलों द्वारा 120 लाख कुन्टल गन्ने की खरीद की जा चुकी है। इस पेराई सत्र में 02 सहकारी चीनी मिलों का संचालन भी कराया जा चुका है जबकि इसी अवधि में गत वर्ष कोई सहकारी चीनी मिल संचालित नहीं हुई थी। गत पेराई सत्र 2016-17 में दिनांक 03 नवम्बर तक मेरठ क्षेत्र की मात्र 03 निजी चीनी मिलें ही संचालित हुई थी, जबकि इस सत्र में सहारनपुर की 09, मेरठ की 11 (02 सहकारी), मुरादाबाद की 13, बरेली की 03 एवं लखनऊ की 07 चीनी मिलें अपना पेराई कार्य शुरू कर चुकी हैं जिनके द्वारा अब तक 120 लाख कुण्टल गन्ने की खरीद की जा चुकी है तथा 115 लाख कुण्टल गन्ने की पेराई करते हुए 10 लाख कुण्टल चीनी का उत्पादन भी किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त संचालित चीनी मिलों में गत वर्ष के सापेक्ष प्राप्त हो रहे अधिक चीनी परता के फलस्वरूप प्रदेश में अधिक चीनी उत्पादन होने की पूर्ण सम्भावना है।
मा. मुख्य मंत्री के निर्देशों के फलस्वरूप इस वर्ष प्रदेश में चीनी मिलों का संचालन गत पेराई सत्र 2016-17 के सापेक्ष औसतन 15 दिन पहले कराया जा रहा है। चीनी मिलें शीघ्र संचालित होने से गन्ना किसानों के पेड़ी गन्ने की समय से आपूर्ति होने के फलस्वरूप आगामी रबी फसलों की बुआई हेतु खेत खाली हो सकेंगे तथा किसान अपनी इच्छानुसार विशेषकर गेहॅू फसल की समय से बुआई भी कर पायेंगे। रबी फसलों की समय से बुआई होने से उनका उत्पादन भी अच्छा होने की संम्भावना है। गन्ना किसानों को रबी फसलों की बुवाई में होने वाले लाभ के साथ-साथ गन्ने की समय से चीनी मिलों को आपूर्ति की सुविधा मिल जाने के कारण उन्हें औने-पौने दामों पर कोल्हू क्रेशरों पर अपना गन्ना नहीं डालना पड़ेगा और चीनी मिलों को आपूर्ति किये गये गन्ने का सरकार द्वारा निर्धारित वाजिब गन्ना मूल्य प्राप्त हो सकेगा, जोे गन्ना किसानों की आमदनी दोगुना करने में सहायक सिद्ध होगी।
गन्ना किसानों के गन्ने की चीनी मिलों को सुचारू रूप से आपूर्ति कराने के दृष्टिगत किसानों को पक्का कलेण्डर वितरित किये जाने, सभी आवंटित क्रयकेन्दों की स्थापना सुनिश्चित कर नियमित संचालन करने, किसानों को उनके सट्टे के अनुसार निर्धारित पर्चियाँ समय से उपलब्ध कराने एवं घटतौली इत्यादि अनियमितताओं के प्रभावी रोकथाम हेतु निर्देशित कर दिया गया है।