लखनऊ: प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री, श्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने केन्द्र सरकार से उत्तर प्रदेश की विभिन्न योजनाओं को मिलने वाली सहायता राशि को तत्काल अवमुक्त किये जाने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों की विभिन्न योजनाओं की सहायता राशि के रूप में लगभग 38 हजार करोड़ रूपये की धनराशि लम्बित है। इस संदर्भ में विभिन्न विभागों के लम्बित प्रकरण एवं कार्यक्रमों तथा उपरोक्त सहायता राशि के सम्बन्ध में नीति आयोग में बैठक हुई है।
श्री सिंह ने यह जानकारी देते हुये आज यहां बताया कि कल 13 फरवरी, 2018 को वह राज्य सरकार के अधिकारियांे एवं नीति आयोग के उपाध्यक्ष डा0 राजीव कुमार तथा सी0ई0ओ0 अमिताभकान एवं केन्द्र सरकार से सम्बन्धित विभागों के सचिवों के साथ नई दिल्ली में मुलाकात करेंगे एवं केन्द्र के विभिन्न मंत्रालयों से नीति आयोग के माध्यम से इसे अवमुक्त करने के लिये कहंेगे।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने योजना आयोग को समाप्त कर राज्यों के समग्र विकास के लिए नीति आयोग का गठन किया। यह बैठक प्रधानमंत्री जी के नीति आयोग को लेकर देखे गये स्वप्न का क्रियान्वयन है। उत्तर प्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब प्रदेश सरकार अपने अधिकारियों के साथ नीति आयोग में प्रदेश की विकास योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु लम्बित प्रकरणों पर सहायता जारी करने के लिये रूबरू होंगे।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि केन्द्र सरकार के 18 मंत्रालयों को उत्तर प्रदेश की विभिन्न विकास योजनाओं को प्रभावी रूप से क्रियान्वित किये जाने के लिये उपर्युक्त धनराशि का आग्रह किया गया है। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार के आवास एवं नगरीय विकास मंत्रालय, पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय, मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय, नीति आयोग, ग्रामीण विकास मंत्रालय, उपभोक्ता खाद्य एवं आपूर्ति मंत्रालय, सामाजिक न्याय एवं रोजगार मंत्रालय, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, युवा कल्याण एवं खेलकूद मंत्रालय, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, गृह मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय तथा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय द्वारा उपरोक्त धनराशि जारी किया जाना है।
श्री सिंह ने बताया कि यह धनराशि केन्द्र सरकार से पिछली सरकार द्वारा अवमुक्त किया जाना था। परन्तु पिछली सरकार ने इस दिशा में कोई भी प्रयास नहीं किया। वर्तमान सरकार आने पर हमने इस लम्बित धनराशि को तत्काल अवमुक्त किये जाने हेतु प्रयास किये। जिसके परिणाम स्वरूप नीति आयोग के द्वारा इस दिशा में सकारात्मक पहल हुई है। उन्होंने कहा कि नीति आयोग के गठन के उपरान्त पहली बार ऐसी बैठक आहूत की जा रही है। जिसमें उ0प्र0 सरकार के विभिन्न विभागों के लम्बित प्रकरणों पर चर्चा की जा रही है। श्री सिंह ने कहा नीति आयोग के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश विकास के पथ पर अग्रसर होने के लिए तैयार है।