लखनऊ: प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत उ0प्र0 ने एक वर्ष के अन्दर 31 मार्च, 2018 तक 771073 आवासों का निर्माण पूरा करके पूरे देश में प्रथम स्थान प्राप्त करने का गौरव प्राप्त किया है। गरीबों के लिए बनने वाले यह सभी आवासों को 09 माह के रिकार्ड समय में पूरा किया गया है। उ0प्र0 के सम्भवतः भारत वर्ष के इतिहास में इतने कम समय में इतनी संख्या में आवासों का निर्माण पहले किसी राज्य में नहीं हुआ।
यह जानकारी प्रदेश के ग्राम्य विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री डा0 महेन्द्र सिंह ने आज यहां मीडिया सेंटर में आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेंस में दी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत अब तक 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि व्यय की गयी है, जिसे सीधे डी0बी0टी0 के माध्यम से लाभार्थियों के खाते में पहुंचा दी गयी।
ग्राम्य विकास मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरूआत 20 नवम्बर, 2016 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आगरा से किया था। वर्ष 2016-17 और 2017-18 दोनों वर्षों के समेकित लक्ष्यों के अधीन एक ही वर्ष 2017-18 में आवासों का निर्माण पूरा किया गया है। उ0प्र0 की यह उपलब्धि 85 प्रतिशत रही, जबकि राष्ट्रीय औसत 34 प्रतिशत है।
उन्होंने बताया कि पहले उ0प्र0 आवास के निर्माण में सबसे निचले पायदान पर था लेकिन उ0प्र0 सरकार के प्रयासों से अब प्रथम स्थान पर है और दूसरे स्थान पर छत्तीसगढ़ तथा तीसरे स्थान पर मध्य प्रदेश है। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष के लिए 11 लाख आवासों की मांग भारत सरकार से की गयी है। राज्य सरकार का प्रयास है कि 09 माह में बनने वाले आवासों को 06 माह में ही बनाकर पूरा कर लिया जाये।
डा0 महेन्द्र सिंह ने मनरेगा योजना का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेश में 01 करोड़ से अधिक श्रमिकों को क्रियशील श्रेणी में लाया गया है और भुगतान में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए पूरा प्रयास किया गया है। इसके साथ ही मनरेगा के माध्यम से 7000 से अधिक आंगनबाड़ी केन्द्रों का निर्माण कराया गया है। उन्होंने बताया कि कुल 101.84 लाख श्रमिकों में से 96.01 लाख श्रमिकों की आधार सीडिंग की जा चुकी है, जो कुल के सापेक्ष 94 प्रतिशत है।
ग्राम्य विकास मंत्री ने यह भी बताया कि मनरेगा के तहत 66 लाख श्रमिकों को आधार बेस्ड पेमेन्ट सिस्टम से जोड़ा जा चुका है। इसके साथ ही कुल 45.35 लाख परिसम्पत्तियों में से लगभग 40 लाख परिसम्पत्तियों की जीओ-टैगिंग करायी गयी है। बुन्देलखण्ड में पेयजल की समस्या के सवाल पर उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड में पानी का संकट खड़ा नहीं होने दिया जायेगा। तालाबों को भरा जा रहा है और पुराने हैण्डपम्पों की रिबोरिंग के साथ ही नये हैण्डपम्प युद्ध स्तर पर लगाये जा रहे हैं।
इस मौके पर मुख्यमंत्री समग्र ग्राम विकास योजना का जिक्र करते हुए ग्राम्य विकास मंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत देश की रक्षा में शहीद हुए सेना एवं अद्धसैनिक बलों के सैनिकों के ग्रामों को शहीद ग्राम घोषित किया जायेगा। यदि ग्राम सम्पर्क मार्ग से नहीं जुड़ा है तो उसे जोड़ते हुए उस मार्ग को गौरव पथ नाम दिया जायेगा। इसके अलावा गांव में तोरण द्वार तथा शहीद हुए सैनिक की मूर्ति भी लगाई जायेगी।
इस मौके पर प्रमुख सचिव सूचना श्री अवनीश कुमार अवस्थी, ग्राम्य विकास आयुक्त श्री पार्थ सारथी सेन शर्मा, निदेशक सूचना श्री अनुज कुमार झा के अलावा अन्य अधिकारी मौजूद थे।