नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आज अति सक्रिय सुशासन और समय पर कार्यान्वयन के लिए प्रगति – आईसीटी आधारित मल्टी मॉडल प्लेटफार्म के माध्यम से 21वीं इन्टरैक्शन बैठक संपन्न हुई।
प्रगति की 21वीं बैठक में 8.79 लाख करोड़ रूपये के कुल निवेश वाली 183 परियोजनाओं की संचयी समीक्षा की गई है। 17 क्षेत्रों में जन शिकायतों की भी समीक्षा की गई।
आज 21वीं बैठक में प्रधानमंत्री ने पेटेंट और ट्रेडमार्कों से संबंधित शिकायतों पर कार्रवाई और समाधान की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने कार्य निष्पादन के सुधार पाया और संबंधित अधिकारियों से कहा कि वे पेटेंट और ट्रेडमार्क आवेदन पत्रों पर और तेजी से कार्यवाही करने की दिशा में काम करें। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि पेटेंट और ट्रेडमार्क प्रदान करने और जनशक्ति बढ़ाने की दिशा में तेजी से कदम उठाए गये हैं। प्रधानमंत्री ने इस संबंध में नवीनतम उपलब्ध प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल, प्रक्रिया को सुचारू बनाने और अन्तर्राष्ट्रीय मानक प्राप्त करने के महत्व पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, पंजाब, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, बिहार, ओडिशा, तेलंगाना और केरल सहित अनेक राज्यों में फैली रेलवे, सड़क, विद्युत और तेल पाइपलाइन तथा स्वास्थ्य क्षेत्र में 56 हजार करोड़ रूपये से ज्यादा लागत की नौ महत्वपूर्ण आधारभूत परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। आज जिन परियाजनाओं की समीक्षा की गई उनमें दिल्ली, मुंबई औद्योगिक कारिडोर आंध्र प्रदेश के मंगलागिरी, पश्चिम बंगाल के कल्याणी, महाराष्ट्र के नागपुर और उत्तर प्रदेश के चार नये एम्स के निर्माण शामिल हैं।
प्रधानमंत्री ने स्मार्ट सिटी मिशन की प्रगति की भी समीक्षा की। उन्होंने चुनौती भरे कार्यों में शहरों की सहभागिता को सराहा। उन्होंने कहा कि अब प्रत्येक के सामने यही चुनौती है कि 90 चुने हुए शहरों में इस मिशन के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने तथा उच्च गुणवत्ता के साथ इस कार्य को तेजी से अन्जाम तक ले जाना सुनिश्चित करें।
वन अधिकार अधिनियम की प्रगति की समीक्षा करते हुए प्रधानमंत्री ने आदिवासी समुदायों के अधिकारों को सुनिश्चित करने और उनके दावों के तेजी से निपटान के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के महत्व पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जीएसटी के संबंध में उठाई गई शंकाएं अब निराधार साबित हुईं हैं और इसमें सुचारू लेन-देन हो रहा है। उन्होंने सभी मुख्य सचिवों से कहा कि वे इस संबंध में एक माह के भीतर उल्लेखनील लक्ष्य प्राप्त करने के लिए जीएसटी के अन्तर्गत पंजीकरण में वृद्धि करने के लिए अपने प्रयासों में और तेजी लाएं।
सरकारी ई-मार्केट प्लेस (जीईएम) के संबंध में उन्होंने कहा कि पोर्टल से पारदर्शिता में सुधार आया है और फिजूलखर्ची में कमी आई है। उन्होंने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को कहा कि वे सरकारी खरीद में जीईएम को प्राथमिकता दें।