नई दिल्लीः उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) की सराहना करते हुए इसे एक क्रांतिकारी योजना बताते हुए कहा है कि इसका उद्देश्य समाज के उपेक्षित और शोषित वर्गों को अधिकार सम्पन्न बनाना है। योजना के तीन वर्ष पूरा होने पर आज यहां पीएमएमवाई के लाभार्थियों के साथ बातचीत करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत रिकॉर्ड संख्या में 12 करोड़ लाभार्थियों को ऋण मिला है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि मुद्रा योजना का मुख्य उद्देश्य लोगों को आत्मनिर्भर बनाना है। जिन लोगों को ऋण मिला है, उनमें से अधिकांश शोषित वर्गों से जैसे मछुआरे, ताड़ी एकत्र करने वाले, बुनकर, सुनार, मोची और अन्य हैं।
स्वरोजगार को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर देते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि सरकार अकेले सभी लोगों को रोजगार प्रदान नहीं कर सकती और ऐसी योजनाओं से लोग अपने पैरों पर खड़े होते हैं। मुद्रा योजना से उद्यमियों को सस्ती ब्याज दरों पर ऋण प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
उपराष्ट्रपति ने लोगों में जागरूकता पैदा करके योजना को प्रभावशाली तरीके से लागू करने के लिए सरकार को बधाई दी।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह ऐतिहासिक योजना महिलाओं के लिए लाभदायक है, क्योंकि इससे वे अपने माता-पिता अथवा पति पर निर्भर हुए बिना आत्मनिर्भर बन सकेंगी। ऐसी योजनाओं से न केवल लोग अधिकार सम्पन्न बनते हैं, बल्कि वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिलता है।