कानपुर: यूपी में कानपुर के गौरवमयी इतिहास को बरकरार रखने के लिए ऐतिहासिक फूलबाग मैदान में 150 फीट ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया | 150 फ़ीट ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज चौबीसौ घण्टे लहराता रहेगा | राष्ट्रीय ध्वज को बनाने में करीब 6 महीने का समय लगा और उसको दिल्ली और मुंबई में बनवाया गया। राष्ट्रीय ध्वज 45 फ़ीट लम्बा और 30 फ़ीट चौड़ा है | जिस पिलर पर राष्ट्रीय ध्वज को फहराया गया है उसका निर्माण गुजरात के सिलवासा में कराया गया है। राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद परंपरागत तरीके से राष्ट्र गान हुआ और सेना के जवानो ने सलामी दी। इस समारोह में आए स्वतंत्रता सेनानियों का सम्मान नहीं किया गया जिससे वे नाराज हो गए।
झंडा ऊंचा रहे हमारा
कानपुर के गौरवमयी इतिहास को जिवंत करने के लिए फूलबाग मैदान में 150 फ़ीट ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया | राष्ट्रीय ध्वज जैसे ही 150 फ़ीट की ऊंचाई पर पहुंचा वैसे ही पूरा मैदान वन्दे मातरम् के उद्घोष से गूँज उठा कार्यक्रम में बीजेपी सांसद डॉ मुरली मनोहर जोशी समेत कैबनेट मंत्री वा नयी निर्वाचित मेयर प्रमिला पाण्डेय भी मौजूद रही। कार्यक्रम आयोजक अमित अग्रवाल ने बताया की शहर के नौजवानों को देश के प्रति जागरूक करने के लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया है।
फूलबाग में उमड़ पड़े लोग
आयोजक का कहना है की यह राष्ट्रीय ध्वज रात और दिन लहराएगा जिससे जो भी इस मैदान के पास से गुजरेगा उसके अंदर देश प्रेम की भावना जागेगी। 150 फ़ीट राष्ट्रीय ध्वज को देखने के लिए फूलबाग मैदान में जन सैलाब भी उमड़ पड़ा। लोगों का कहना है कि यह कानपुर के लिए गर्व की बात है कि कानपुर में यह चौथा 150 फ़ीट ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज लगाया गया है। सभी कानपुर के लोग गर्व महसूस कर रहे है।
समारोह में अव्यवस्था
जेसीआई संस्था द्धारा आयोजित 150 फ़ीट ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज फहराने का कार्यक्रम अव्यस्थाओ की भेंट चढ़ गया | राष्ट्रीय ध्वजा रोहन कार्यक्रम में संस्था ने एलान किया था की शहर के स्वंत्रता संग्राम सेनानी व सीनियर सिटिज़न को मंच पर बुलाकर उनका सम्मान किया जाएगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं। सीनियर सिटीजन व स्वंत्रता संग्राम सेनानी कुर्सियों पर बैठे रहे, उनका नाम तक नहीं पुकारा गया जिससे वे नाराज होकर कार्यक्रम से चले गए।
फ्रीडम फाइटर्स का गुस्सा भड़का
जेसीआई संस्था ने कार्यक्रम से एक दिन पहले एलान किया था की ध्वजा रोहन कार्यक्रम में शहर के सीनियर सिटीजन के साथ साथ स्वंत्रता संग्राम सेनानियों का सम्मान किया जायेगा। संस्था ने कार्यक्रम में सीनियर सिटिज़न व स्वंत्रता संग्राम सेनानियों को बुलाया भी था | 150 फ़ीट ऊँचे झण्डे का अनावरण हो गया राष्ट्रगीत भी हो गया लेकिन उनको सम्मानित ना करके नेताओं और प्रशाशनिक अधिकारियो का सम्मान किया गया। लोगों का गुस्सा भड़क उठा और आयोजक को धक्के मारकर भगा दिया। इसी आपाधापी में स्वंत्रता संग्राम सेनानी और झंडा गीत ‘विजयी विश्व तिरंगा प्यारा’ के रचयिता श्यामलाल गुप्त पार्षद के नाती बेहोश होकर जमीन पर गिर गये।
source: oneindia