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फिल्म लिपस्टिक अंडर माय बुर्का की स्टारकास्ट ने प्रमोशन के लिए जारी किया वीडियो

फिल्म लिपस्टिक अंडर माय बुर्का की स्टारकास्ट ने प्रमोशन के लिए जारी किया वीडियो
मनोरंजन

मुंबई: ये कहानियां समाज के ठेकेदारों के मुंह पर करारा तमाचा है जिन्हें विवादित फिल्म लिपस्टिक अंडर माय बुर्का की टीम ने सुनाई है. फिल्म विवादित इसलिए है क्योंकि इसमें महिलाओं ने सेक्स को लेकर खुले तौर पर बात की है. ये एक विशेष वर्ग के लिए परेशानी का सबब बन सकता था. इसलिए फिल्म चर्चा में आई. फिल्म उन महिलाओं की कहानी है जो समाज की दकियानूसी विचारधारा का विऱोध तो नहीं कर पाती लेकिन उनके अंदर हसरतें कहीं न कहीं अपनी जिंदगी जीने के लिए मचलती रहती हैं. और फिर उसे पूरा करने के लिए वो कुछ भी कर गुजरने पर दिल के हाथों मजबूर हो जाती हैं.

फिल्म की स्टारकास्ट ने इसके प्रमोशन के लिए एक वीडियो जारी किया है. वीडियो की शुरुआत एक्ट्रेस आहना से होती है. जिसके हाथ में मंटो की कहानियों की किताब है. वो दिलकश अंदाज में किताब की एक कहानी पढ़ती है. कहानी की शुरुआत एक रणधीर नाम के लड़के से शुरु होती है जो बारिश में भीगी हुई लड़की को इशारे से अपने कमरे में बुलाता है. और उसके भीगे हुए कपड़े देखकर ये सोचता है कि कहीं इसे निमोनिया न हो जाए…

उसके बाद आयुषी और पलबिता अंग्रेजी में एक कहानी सुनाती हैं. वीडियो के बैकग्राउंड में एक म्यूजिक बजता रहता है जो इस अनोखे अंदाज को और भी हॉट बना देता है.

उसके बाद कोंकणा सैन हाथ में एक किताब लिए सोफे पर बैठी नजर आती हैं. उसके बाद सोफिया आती हैं. वो अन्य किसी भाषा में एक कहानी सुनाती है.

इसी दौरान वापस आहना की आवाज सुनाई देती है. जिसमें वो अपनी अधूरी कहानी को पूरा करते हुए कहती है. तो रणधीर ने उससे कहा, अपने कपड़े उतार दो. सर्दी लग जाएगी. वो इस बात का मतलब समझ गई थी…

उसके बाद सारी एक्ट्रेस अपनी कहानियां पूरी करती हैं. कई कट्स में ये कहानियां कही गई हैं. वीडियो के अंत में एक डिस्कलेमर आता है. सावधान. ये कहानियां 36 से कम उम्र की महिलाओं के लिए हानिकारक साबित हो सकती हैं. ये वीडियो बलश कंपनी का बनाया हुआ है.

फिल्म के प्रमोशन के दौरान एकता कपूर ने कहा था, उन्हें सेंसर से नहीं समाज से परेशानी है. जब भी महिलाएं अपनी आजादी और अधिकारों की बात करती हैं तो हो-हल्ला क्यों मच जाता है. मर्दों को मिर्ची क्यों लग जाती है. असल में समस्या समाज की संकुचित मानसिकता से है जो महिलाओं को सिर्फ एक कठपुतली की तरह नचाना चाहता है. फिल्म में कोंकणा सेन शर्मा, रत्ना पाठक शाह, विक्रांत मैसी, अहाना कुमरा, प्लाबिता बोरठाकुर और शशांक अरोड़ा ने महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं.

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