कोलकाताः भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गारंटी पत्र (एलओयू) जारी करने पर रोक लगाने का पश्चिम बंगाल के रत्न एवं आभूषण उद्योग पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा, लेकिन बैंकों के ऋण मार्जिन बढ़ाने से कारोबार प्रभावित हो सकता है। जीजेईपीसी के एक अधिकारी ने यह बात कही।
उल्लेखनीय है कि एलओयू का उपयोग व्यापार के लिए वित्त साधन के रूप में किया जाता है। रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) के पूर्व वाइस- चेयरमैन पंकज पारेख ने कहा कि गारंटी पत्र का उपयोग कुछ आभूषण कारोबारियों द्वारा निर्यात के लिए होता है लेकिन बंगाल के आभूषण निर्माताओं का शायद की आयात में हिस्सा हो।
पारेख ने कहा, इस क्षेत्र के आभूषण निर्माताओं पर प्रतिबंध का कोई असर नहीं होगा। सर्राफा रत्न और आभूषण एसोसिएशन के सचिव (पश्चिम बंगाल) रवि करेल ने कहा कि पहले ऋण का 85 प्रतिशत मार्जिन मांगा जाता था लेकिन जब से एलओयू को लेकर घोटाला सामने आया है तब से 150 प्रतिशत तक मार्जिन मांगा जा रहा है। उन्होंने कहा कि बैंकों ने पहले ही मौजदा लेनदारों से अधिक जमानत की मांग करनी शुरू कर दी है। वह चाहते हैं कि हम जमानत बढ़ाए या फिर कर्ज की रकम को कम करें।
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